अनूप पाण्डेय,अस्वनी त्रिपाठी:NOI।
सीतापुर- बिसवां खुद की जात से उपर उठकर औरों की ख़ैरख्वाही, हमदर्दी, दोस्ती व ग़म मे शिरकत करना ही पैग़ामे नबूवत है। हुजूर सल0 की सुन्नतों की पैरवी व अमल करना, उसको बढ़ावा देना पैग़ामे नबूवत है। मोमिन का मोमिन हेतु भलाई का जज़्बा पैग़ामे नबूवत है। हसद,जलन क़ीना से पाक समाज मिसाली समाज होता है। और ऐसा ही समाज पैग़ामे नबूवत चाहता है| इन ख़्यालात का इज़हार मौलाना कफील अशरफ लखनवी ने गौढ़ी वाली मस्जिद के मैदान पर पैग़ामे नबूवत कमेटी बिसवां की ओर से आयोजित इजलासे आम मे किया।
आगे उन्होने सम्बोधित करते हुये कहा कि इमाम हुसैन मुस्लमानों के लिये एक आदर्श है। ग़जवे बदर से लेकर कर्बला तक तारीख़ साबित करती है कि हमारा अल्लाह से रिशता मज़बूत होना चाहिए। पैग़ामे नबूवत कमेटी के संरक्षक मौलाना आसिम इक़बाल नदवी ने अपने बयान मे कहा कि हम दीन से जितने दूर होते जायेगें शैतान हमारे लिए दुनिया को हमारे सामने खुशनुमा करके पेश करता जायेगा और आज हम लोग इसी का शिकार है।
उन्होने सवाल उठाया कि हमारा दीन कहां मजबूत है कि हमारे पास खुराफात और उल्मा की बुराई के अलावा दूसरा काम ही नही है। मौलाना ने आगे अपने सम्बोधन मे कहा कि दुनिया मे हम नुक़सान पहुॅचाने वाले चीज़ों से दूर भागतें हैं और डरते हैं। अल्लाह का जितना डर, ख़ौफ होगा हम अल्लाह के उतने ही क़रीब होते जायेगें। जलसे को मौलाना वकास नदवी, मौ0 नूरूल हक़ नदवी, हाफिज़ मुशीर अहमद, सदर पैग़ामे नबूवत कमेटी ने भी सम्बोधित किया।
जलसे का आग़ाज़ क़ारी सगीर अहमद, हाफिज़ शराफत, हबीब बिसवानी की नाते पाक से हुआ। संचालन मौलाना रफीक़ क़ासमी ने किया। जलसे को क़ामयाब बनाने हेतु मौ0 तय्यब नदवी, हाफिज़ दस्तगीर, मुहम्मद आसिफ, चॉद, नय्यर शकेब, पैग़ामे नबूवत कमेटी के आरिफ मास्टर , महताब आलम, मुहम्मद हनीफ के नाम क़ाबिले जिक्ऱ्र्र्र है।