पुणे। आरएसएस के सहसरकार्यवाह भैयाजी जोशीने कहा है किगाय हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है, लेकिन गोरक्षा का मकसद किसी धर्म या समुदाय के विरोध में नहीं है। गोरक्षा को लेकर राजनीति करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे संघर्ष का रूप देना सामाजिक पाप है। गाय प्राचीन परंपरा से आर्थिक विकास का साधन…
– शनिवार को पुणे में आरएसएस के एक कार्यक्रम में जोशी ने कहा, “गाय प्राचीन परंपरा से भारत के कृषि और आर्थिक विकास का साधन भी है। गोरक्षण को लेकर राजनीति करना सही नहीं है।”
– “गाय केवल आस्था का मामला ही नहीं है। हिंदुओं का संगठन करना ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यक्षेत्र है।”
– जोशी ने कहा, “हिंदू समाज में कई दोष है, लेकिन किसी न किसी महापुरुष ने यह दोष दूर करने का प्रयास किया है। आरएसएस ने देश को नया विचार नहीं दिया है बल्कि प्राचीन परंपरा से चिंतन कर संघ ने अपने विचार बनाए हैं।”
– “जब हमारा देश प्राचीन परंपरा से दूर गया, तब हिंदुओं का संगठन कमजोर हुआ था और इससे देश की हानि हुई।”