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Friday, December 13, 2024

​गुजरात चुनावः पाटीदार समाज की 25-26 सीट बदल देंगी कांग्रेस का भाग्य

राहुल गांधी
गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने पाटीदार, दलित, आदिवासी और अन्य पर भरपूर दांव लगाया है। पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि जनता और उसकी उमड़ रही भीड़ काफी कुछ कह रही है।

वहीं गुजरात कांग्रेस के आईटी सेल के प्रमुख रोहन गुप्ता का कहना है कि पाटीदार क्षेत्र की 25-26 सीट पर सफलता ही पार्टी का भाग्य बदल देगी। रोहन का कहना है कि गुजरात विधानसभा चुनाव-2017 में इसकी पर्याप्त संभावना मौजूद है।

पूरे राज्य से मिल रहे रिस्पांस के आधार पर रोहन का कहना है कि भाजपा के मुकाबले पार्टी के पास कार्यकर्ता कम है। कारण साफ है। कांग्रेस पिछले 22 साल से सत्ता से दूर है। हर बूथ के हिसाब से कांग्रेस के पास यदि दस लोग हैं तो भाजपा इसमें भारी है।

उसके पास अनुपात में 100 कार्यकर्ता हैं, लेकिन जनता का समर्थन कांग्रेस के साथ है। एक अन्य सूत्र का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2012 में कांग्रेस को ग्रामीण गुजरात से अच्छा रिस्पांस मिला था।

लेकिन इस बार पूरे गुजरात में मिल रहा है। वहीं हरेश मलानी का कहना है कि बड़ौदा पूरे गुजरात का टर्निंग प्वाइंट है। यदि यहां की पांच में से दो सीटें भी कांग्रेस के पक्ष में आई तो हम निश्चित रूप से सरकार बना लेंगे।

रोहन का कहना है कि अभी तक पाटीदार समाज खुलकर भाजपा के साथ रहता था। वह भाजपा के पक्ष में आक्रामक प्रचार करता था और जमकर मतदान कराने में अहम भूमिका निभाता है।

इस बार इस तरह की स्थिति नहीं है। रहा सवाल हार्दिक पटेल के साथियों में फूट और उनके भाजपा में जाने का तो इससे कोई बड़ा फर्क नहीं पडऩे वाला है।

जनता भाजपा सरकार से नाराज है और नोटबंदी के बाद लागू हुई जीएसटी ने यहां के छोटे-मझोले उद्योगों की कमर तोड़ दी है। रोहन का कहना है कि ऐसे में पाटीदार समाज से 25-26 सीटों पर सफलता ही कांग्रेस का भविष्य बदल देगी।

आक्रामक चुनाव का संतुलित मुकाबला

कांग्रेस को गुजरात में भाजपा की आक्रामक राजनीति का पूरा एहसास है। रोहन भी कहते हैं कि भाजपा के पास जन बल, धनबल, राज्य और केन्द्र सरकार सबकुछ है।
अनिल जोशिआरा का कहना है कि प्रधानमंत्री का अकेले चेहरा ही काफी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी गुजरात से ही हैं।

यहां तक पिछले कुछ दिनों से भाजपा ने सोशल मीडिया पर अपने प्रचार अभियान में भी बदलाव लाया है। इसे ध्यान में रखकर कांग्रेस ने संतुलित प्रचार अभियान की रणनीति बनाई है।

कांग्रेस के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि वह इसके सहारे आसानी से गुजरात फतह कर लेगी।

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