अहमदाबाद.गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे सोमवार को आ जाएंगे। ये चुनाव बीजेपी के , और कांग्रेस के राहुल गांधी के लिए बेहद अहम है। बीजेपी ने 150+ सीटें जीतने का टारगेट रखा है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 22 साल बाद राज्य में वापसी की कोशिश में हैं। अगर दोनों पार्टियों के वोट शेयर और सीटों को देखा जाए तो अब तक कांग्रेस को 1985 में सबसे ज्यादा 149 सीटें (55.6%) मिली थीं। उधर, बीजेपी के खाते में 2002 में 49.9% वोट शेयर के साथ पहली बार सबसे ज्यादा 127 सीटें आई थीं।
1) किसने चुनी सरकार?
– गुजरात की 182 सीटों पर लड़ रहे 1828 उम्मीदवारों को चुनने के लिए करीब 4.35 करोड़ वोटर्स थे। 2012 में चुनाव लड़ चुके 121 विधायक इस बार फिर मैदान में थे। दो फेज में कुल 67.75% वोटिंग हुई। यह पिछले चुनाव से 3.55% कम है। 2012 में 182 सीटों पर 71.30% वोटिंग हुई थी।
2) इस बार गुजरात चुनाव पर नजर क्यों?
नरेंद्र मोदी:गुजरात में 19 साल से BJP सत्ता में है, लेकिन 15 साल में पहली बार मोदी सीएम कैंडिडेट नहीं हैं। 2001 में के हटने के बाद मोदी को सीएम बनाया गया। उनकी अगुआई में बीजेपी ने 2002, 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता। अगर वह फिर जीतती है तो नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों पर मुहर लग जाएगी, क्योंकि जीएसटी का सबसे ज्यादा विरोध गुजरात में हुआ था।
अमित शाह: जुलाई 2014 में बीजेपी के अध्यक्ष बने थे। इस रोल में गुजरात में उनका पहला चुनाव है। हालांकि, अभी तक अमित शाह की लीडरशिप में 3 साल में 11 राज्य में बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब हुई है। वहीं, 3 राज्यों में हार मिली है।
राहुल गांधी: गुजरात के चुनाव नतीजों से राहुल का राजनीतिक भविष्य तय होगा। कांग्रेस जीत जाती है तो बतौर पार्टी अध्यक्ष गुजरात चुनाव उनकी पहली कामयाबी होगी। राहुल को 2019 के चुनाव में मोदी को टक्कर देने के लिए एक मजबूत प्लेटफार्म मिल जाएगा।बतौर कांग्रेस उपाध्यक्ष उनका चुनावी परफॉर्मेंस बेहद खराब रही है। 5 साल में 27 राज्यों में हार, 9 में जीत मिली। अब वे कांग्रेस अध्यक्ष बन गए हैं। अगर वे गुजरात और हिमाचल का चुनाव हार जाते हैं तो यह पार्टी और वकर्स के मनोबल को तोड़ सकता है।
हार्दिक पटेल:पाटीदार अब तक बीजेपी को सपोर्ट करते आए थे। लेकिन, 2017 के चुनाव में पाटीदार आंदोलन के लीडर हार्दिक पटेल खुलकर कांग्रेस साथ आ गए। हार्दिक पटेल ने 2015 में आरक्षण आंदोलन छेड़ा था। हार्दिक ने पटेलों के असर वाले इलाकों खासकर सौराष्ट्र और सूरत में 120 से ज्यादा रैलियां की थीं।
जिग्नेश मेवाणी:दलित नेता जिग्नेश मेवाणी बनासकांठा के वडगाम से निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले साल ऊना में चार दलितों को कथित गोरक्षकों ने पीटा था। इसके बाद जिग्नेश ने पूरे राज्य में पदयात्रा की थी और दलितों को एकजुट किया था।
अल्पेश ठाकुर:अल्पेश OBC लीडर हैं। उनकी इस कम्युनिटी में अच्छी पकड़ है। वे 23 अक्टूबर को कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने राधनपुर से चुनाव लड़ा।
3)पिछले चुनावों में क्या रहे नतीजे?
2017 के नतीजे/रुझान 2012 के नतीजे वोट शेयर 2014 लोकसभा ( कुल सभी सीटें) वोट शेयर असेंबली सीटों पर बढ़त
बीजेपी 00 115 47.9% 26 60.1% 162
कांग्रेस 00 61 38.9% 00 33.5% 17
4) बीजेपी-कांग्रेस को कितनी सीटें मिलीं
साल बीजेपी
कांग्रेस
1995 121 45
1998 117 53
2002 127 51
2007 117 59
2012 115 61
4 ) बीजेपी-कांग्रेस का वोट शेयर
साल बीजेपी कांग्रेस अंतर
1995 42.51% 32.86% 9.65
1998 44.81% 34.85% 9.96
2002 49.85% 93.28% 10.57
2007 49.12% 38.00% 11.12
2012 47.85% 38.93% 8.92
6) BJP को रिकॉर्ड जीत कैसे मिल सकती है?
– 2014 में बीजेपी को गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई। विधानसभा क्षेत्रवार 162 सीटों पर बढ़त मिली थी। यानी 2012 में मिली 115 विधानसभा सीटों से 47 ज्यादा।
– 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को गुजरात में 60% वोट मिले। अगर यही परफॉर्मेंस बीजेपी 2017 में दोहरा दे तो 150 सीटों का टारगेट हासिल कर सकती है।
7) कांग्रेस की जीत के आसार क्या हैं?
– 2012 में 20% पाटीदार वोटरों में से 80% ने बीजेपी को सपोर्ट किया था। अगर ये वोटर इस बार कांग्रेस की तरफ झुक जाते हैं तो बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है।
8) गुजरात में क्या है कास्ट फैक्टर?
कम्युनिटी वोट शेयर
पाटीदार 20%
मुस्लिम 9%
पाटीदार+मुस्लिम 29%
सवर्ण 20%
ओबीसी 30%
केएचए: क्षत्रिय, हरिजन आदिवासी 21%
सवर्ण+ओबीसी+केएचए 71%
9) बीजेपी ने 53 तो कांग्रेस ने 47 पाटीदार मैदान में उतारे
– बीजेपी ने गुजरात की सभी 182