गुजरात में BJP को स्थानीय ऐग्रिकल्चरल प्रड्यूस मार्केट कमिटी (APMC) के चुनावों में हर का सामना करना पड़ा है। बोटाद APMC पर 10 साल तक राज करने के बाद पार्टी इस बार यहां आठों सीटें गंवा बैठी। शनिवार को आये इन हार के नतीजों से बीजेपी में चिंता की लहार दौड़ गई है। आगामी विधानसभा चुनावों में यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा ही चुनाव है। बोटाद कांग्रेस प्रेजिडेंट डी. एम. पटेल के प्रतिनिधित्व वाले पैनल ने सभी आठों सीटों पर जीत हासिल की है।
एक अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार इन नतीजों से BJP कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई शुरू हो गई। आरोप है कि APMC के एक डायरेक्टर ने सेवामुक्त चेयरमैन भीखा लानिया को ‘परिस्थितियां बिगाड़ने’ का जिम्मेदार ठहराते हुए थप्पड़ तक जड़ दिया।
गौरतलब है कि पिछले महीने 17 अप्रैल को ही मोदी इस जिले में सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण इरिगेशन (SAUNI) योजना के नये चरण की नींव रखने आए थे। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि उन्हें इन चुनावों में प्रधानमंत्री की उपस्थिति का फायदा मिलना चाहिए था लेकिन स्थानीय स्तर पर पार्टी में आपसी मतभेद के चलते इस करारी हार का सामना करना पड़ा।
BJP किसान मोर्चा के प्रेजिडेंट बाबू जेबालिया का कहना है कि ‘हम जनादेश स्वीकार करते हैं और हार के कारणों पर चिंतन करेंगे।’ राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सौराष्ट्र पर पकड़ बनानी है तो बोटाद को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यहां दो विधानसभा (गधादा और बोटाद) सीटें भी हैं।
BJP इस बात से संतुष्ट होने की कोशिश कर रही है कि राज्य की 200 APMC में से ज्यादातर पर अभी भी उसी का कब्जा है।