दीपक ठाकुर:NOI।
मोदी युग मे पीएनबी घोटाला क्या उजागर हुआ मानो भाजपा सरकार पर आरोपों की होड़ सी लग गई हो।एक तरफ इस पूरे मसले पर विपक्ष सरकार की आलोचना में लगा है वही दूसरी तरफ भाजपा से नाराज़ शिवसेना भी अपने दोस्त को कोसने की कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है।
चलिए इनका तो बनता है दूसरी पार्टी का काम ही आलोचना करना ही होता है लेकिन भाजपा के शत्रुघन सिन्हा साहब को पता नही आजकल क्या हो गया है कि वो अपने होकर भी गैरों से ज़्यादा दिल जलाने वाली बातें करने लगे हैं।जब से पीएनबी से 11 हज़ार करोड़ नीरव मोदी लेकर भाग गया है तभी से शत्रुघन सिन्हा खामोशी छोड़ कर ट्विट पर ट्वीट किए जा रहे हैं।उनका हर ट्वीट भाजपा सरकार को कोसता नज़र आता है खास तौर पर उनका टारगेट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातें होती हैं जो उन्होंने वोट मांगते समय जनता के बीच कही थीं।
देखा जाए तो पीएनबी का घोटाला कोई ऐसा पहला मामला नही है जहां शत्रुघ्न सिन्हा और विपक्ष का सुर एक हो बल्कि ऐसे कई मौके आ चुके हैं जब शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने बयान से ये संकेत दे दिया है कि जब पार्टी उनको अनदेखा कर सकती है तो वो भी पार्टी की निन्दा भरी सभा मे करने का दम रखते हैं।
ताज्जुब इस बात का भी होता है कि इतनी आलोचना सुनने के बाद भी पार्टी शत्रुघन सिन्हा से कोई जवाब सवाल नही करती और भाई साहब उसको लताड़ लगाने में जुटे रहते हैं।एक बात तो सही है कि पीएनबी घोटाले में भाजपा सरकार की फजीहत खूब हो रही है पर अफसोस इस बात का है कि भाजपा को गैरों के साथ साथ अपनो का तंज भी झेलना पड़ रहा है जिसे देख कर यही लगता है कि सत्ता की मजबूरी है सबका साथ ज़रूरी है।