औसतन हर महीने हिंसक भीड़ की ऐसी बर्बरता हिंदुस्तान को शर्मसार कर रही है और इंसानियत का गला घोंट रही है. प्रधानमंत्री तक ने गोरक्षा के नाम पर तथाकथित गोरक्षकों को बार-बार अल्टीमेटम दिया है लेकिन नतीजा अबतक शून्य बटा सन्नाटा ही रहा है. अब जानलेवा भीड़ पर लगाम लगाने के लिए AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पहल की है. लोकसभा सचिवालय में उन्होंने प्राइवेट मेंबर बिल जमा कर दिया है. अब इंतजार है उसके पेश होने का.
भारत में भीड़ के हाथों हत्या यानी ‘ ‘ के मामलों में हुई बढ़ोतरी ने ना सिर्फ अल्पसंख्यकों के मन में दहशत की दीवार खड़ी कर है बल्कि मोदी सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा है. बीफ रखने का इल्जाम लगाकर ना सिर्फ लोगों की पिटाई हो रही है बल्कि उनकी बर्बर हत्या तक कर दी गई है. फिलहाल सरकार कह रही है कि अपराध को सांप्रदायिक रंग देना गलत है.
हालांकि के प्राइवेट मेंबर बिल का लोकसभा में पास होना बेहद मुश्किल है क्योंकि संसद के इतिहास में अबतक सिर्फ तीन बार ही ऐसा बिल पास हुआ है. आखिरी बार ऐसा 1971-72 में हुआ था और मौजूदा केंद्र सरकार भी इसे धर्म की नजर से नहीं देखना चाहती है. इसके पीछे दलील है कि देश का कानून हिंसक भीड़ के काम कर रहा है.