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Sunday, December 8, 2024

​चीन ने नेपाल के तस्करों को दे रखी है दोमुंहा सांपों की सुपारी!

शरद मिश्रा”शरद”

लखीमपुर खीरी:NOI- जनपद के कोतवाली धौरहरा में सोमवार को दो मुंहा सांप पकड़े गए। यहां से तस्कर सांपों को नेपाल पहुंचाने की फिराक में थे। पड़ोसी देश के जरिए इन सांपों की तस्करी चीन तक होती है। बताया तो यह जा रहा है कि चीन ने दोमुंहा सांपों की तस्करी का जिम्मा नेपाल के तस्करों को दे रखा है। कोतवाल बृजेश त्रिपाठी का कहना है कि मामला अंतरर्राष्ट्रीय स्तर का है।

धौरहरा पुलिस ने सोमवार को तीन तस्करों के पास से दोमुंहा सांप बरामद किए। इसे वैज्ञानिक भाषा में रेड सैंड बोआ कहा जाता है। बताते हैं कि विदेशों में खासकर चीन में इस सांप की खाल व हड्डियों से बने उत्पाद की मांग है। इस वजह से भारत से इसकी तस्करी बढ़ गई है। धौरहरा और निघासन इलाके में कई बार इन सांपों के तस्कर पकड़े गए हैं। तस्कर इन सांपों को नेपाल पहुंचा देते हैं। नेपाल से ये जिंदा सांप चीन तक पहुंचाए जाते हैं। इस सांपों को जिंदा पकड़ने वाले शिकारियों को ऊंची कीमत मिलती है। बताया यह भी जा रहा है कि चीन के तस्कर इन सांपों को इंडोनेशिया ले जाते हैं, जहां नशीली व मिर्गी की दवाइयां बनाई जाती हैं। 
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हकीकत: दो मुंह वाला नहीं होता दोमुंहा

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वन्य जन्तु विशेषज्ञ केके मिश्रा का कहना है कि रेड सैंड बोआ को लोग दो मुंहा सांप कहते हैं लेकिन हकीकत तो यह है कि ये सांप दो मुंह वाला नहीं होता। बाकी सांपों की तरह इसका एक ओर सिर होता है और दूसरी ओर पूंछ पर यह सांप अपनी पूंछ को भी फन की तरह उठा सकता है और उल्टा चल भी सकता है। ऐसे में लोग इसकी पूंछ को भी इसका सिर समझ लेते हैं। उन्होंने बताया कि कुदरत ने अपने बचाव के लिए इस सांप को यह हुनर दिया है। अक्सर शिकारी सांप के फन पर वार करते हैं। ऐसे में रेड सैंड बोआ शिकारी को देखते या खतरे को महसूस कर अपनी पूंछ को फन की तरह उठा देता है। इससे शिकारी उसके फन की जगह पूछ पर वार करते हैं और वह बच जाता है। जानकार  बताते हैं कि इस सांप को पकड़ना आसान है, क्योंकि ये जहरीले नहीं होते हैं। ये मोटे आकार के होते हैं। इस वजह से इसकी चाल सुस्त होती है। सर्दी से बचने के लिए ये चूहे के बिल में छुप जाते हैं और गर्मी में ये जैसे निकलते हैं शिकारी पकड़ लेते हैं। जानकारों के अनुसार अब तक ऐसा सुनने में नहीं आया है कि दोमुंहे सांप ने किसी को डंसा हो। यह लोगों के लिए पूरी तरह से निरापद तथा हानिरहित है।
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वजन बढ़ाने के लिए सांप को चढ़ाया ग्लूकोज

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कोतवाल बृजेश त्रिपाठी ने बताया कि यह सांप वजन के हिसाब से बिकता है। इसका वजन बढ़ाने के लिए तस्करों ने इसे ग्लूकोज भी चढ़ाया था। क्षेत्र में दोमुहां सापों की तस्करी के कई मामले टेगनहा, सिसैया, कफारा  शेखनपुरवा महराजनगर, बेहननपुरवा, सोठियाना के अलावा ईसानगर के कई गांवों में जाल फैला है। यहां बाहरी लोगों को बुला कर इन्हे दोमुंहा साप लाखों में बेचते हैं और खरीदार इसे करोड़ों में।

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