चुनाव आयोग ईवीएम में छेड़छाड़ को लेकर सभी राजनीतिक दलों से सीधी बात करेगा। बैठक में चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को ‘ईवीएम चैलेंज’ की तारीख बताएगा। साथ ही एक डेमो के जरिए बताएगा कि उनको ‘ईवीएम चैलेंज’ में किस तरह से वोटिंग मशीन में छेड़छाड़ को साबित करना है।
राजनीतिक दलों को दो से तीन स्तर में छेड़छाड़ साबित करनी होगी। इसके अलावा निर्वाचन आयोग चुनाव में धन के इस्तेमाल को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाने और आरोप तय होने पर अयोग्य ठहराने जैसे मुद्दे पर राजनीतिक दलों के साथ बात करेगा। यही नहीं, चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के चंदे को पारदर्शी बनाने को लेकर भी राजनीतिक दलों से बात करेगा। अभी आम आदमी पार्टी के विदेशी फंडिंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
चुनाव आयोग ने सात राष्ट्रीय राजनीतिक दलों और 48 क्षेत्रीय दलों को बैठक में बुलाया है। साथ ही चुनाव आयोग ने ईवीएम और ईवीएम से निकलने वाली पर्ची वीवीपीएटी को लेकर राजनीतिक दलों के पास बैठक से संबंधित एजेंडा भेजा है। साथ ही वीवीपीएटी की पुन: गणना से संबंधित नियमों के बारे में चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को एजेंडा दस्तावेज भेजे है। आयोग ने सात मई से पहले राजनीतिक दलों से लिखित राय मांगी थी।
चुनाव आयोग का कहना है कि नकद में चंदा 20 करोड़ रूपए से ज्यादा न हो या फिर साल के कुल चंदे का 20 फीसदी से ज्यादा चंदा नकद में नहीं होना चाहिए। साथ ही इतनी नकद राशि के लिए आयकर की छूट मिलनी चाहिए। इससे ज्यादा की राशि पर आयकर छूट नहीं मिलनी चाहिए। दो हजार रूपए से ज्यादा की राशि का गुप्त चंदे पर रोक होनी चाहिए।