लखनऊ, इरफ़ान शाहिद। शुक्रवार के दिन चौक स्टेडियम में उस वक़्त अफरा तफरी मच गई जब स्टेडियम की शोभा बढ़ा रहा बरसों पुराना आशोक का जर्जर पेड़ तेज हवा से गिर गया गनीमत ये रही के उस वक़्त कबड़डी एवं ताईकान्डों के बच्चें चोटिल होने से बाल बाल बच गए।
चौक स्टेडियम में रख रखाव के नाम पर बस कुछ पुराने अशोक के वृक्ष ही बचे हैं जिसपर सरकारी तंत्र आंख मूंद कर बैठा है अगर हालात यही रहे तो वहां इसी प्रकार का और भी हादसा हो सकता है क्योंकि वहां अशोक के पुराने पेड़ों की कोई सुध ही नही ले रहा वहां सिर्फ पैसा कैसे आये इसकी जुगत होती ज़्यादा दिखाई देती है।
चौक स्टेडियम में हर प्रकार के खेल निशुल्क सिखाये जाने की सुविधा है क्योंकि ये स्टेडिम सरकार की देख रेख में है खेल विभाग भी इस स्टेडियम की सुध तब ही लेता है जब यहां कोई स्टेट लेबल का आयोजन होता है उसके बाद यहां की स्थिति विभाग के चुने हुए लोगो के हवाले रहती है जिन्हें अच्छा पारिश्रमिक भी दिया जाता है।पर उनकी देख रेख किस ओर ज़्यादा रहती है ये वही जान सकता है जो वहां अपने बच्चों को खेल सिखाने भेजता है।स्टेडिम के अंदर ही खेल को भी दो भागों में बाट दिया गया है निजी और सरकारी।निजी नाम सुनकर तो आप समझ ही गए होंगे कि इसमें दाखिला लेने के लिए मोटी रकम ली जाएगी जो ली भी जा रही है पर सरकारी के नाम पर भी वहां लोगो से पैसा एठने का कोई मौका नही छोड़ा जाता है इसके अलावा भी कई तरह के नियम बताए जाते हैं ताकि पैसा उनकी जेब मे जाता रहे।
कहना सिर्फ इतना ही है कि खेल विभाग कम से कम इसकी सुध तो समय समय पर लेता रहे कि सरकारी सुविधा किस प्रकार लोगों तक पहुंच रही है और ये भी देखे के वहां की व्यवस्था में कुछ सुधार की ज़रूरत है भी या नही क्योंकि पेड़ गिरने का वाकया तो यही बता रहा है कि यहां पैसों पे ज़्यादा और सुरक्षा, सुविधा पर ध्यान ही नही दिया जा रहा।
सूत्रों की माने तो स्टेडिम में एल सी ए प्राईवेट क्रिर्केट कोचिग के नाम पर 11500 से 180000 रुपये सलाना वसूल रहा है।
यहां ज्यादातर खेलें मे प्राईवेट कोचिग के नाम पर बंम्पर वसूली होती है।चौक स्टेडिय में अवैध स्टैंड के नाम पर 5,10,20 रुपये बच्चों और अभिवावको से वसूली हो रही है और जो होना चाहिए बस वही नही हो रहा।