लखनऊ,दीपक ठाकुर। नक्सली हमला एक बार फिर हमारे 25 जवानों को मौत की नींद सुला गया जिनका मकसद सिर्फ अमन चैन था उनको मौत क्यों मिली सवाल ये उठता है और सवाल ये भी उठता है कि नक्सली इतनी भारी संख्या में कैसे जमा हुए और सबसे बड़ा सवाल की 2010 में भी नक्सली हमला हुआ था जिसमे कई जवान शहीद हुए थे तो उसके बाद 2013 में और अव 2017 में ऐसी घटना क्यों हुई हमारी सरकार का क्या एक्शन प्लान है नक्सलियों के हौसले पस्त करने के लिए क्यों उनके मंसूबे नेस्तोनाबूत नही कर पा रही हमारी सरकार??
ऐसे ही कई सवाल है जो हमारे शहीदों के घर वाले और पूरा देश आज सरकार से कर रहा है कि कब तक हमारी रक्षा करने वाले आतंकवाद की भेंट चढ़ेंगे? आखिर कब देश से नक्सलवाद का खात्मा होगा?
सोमवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए जिसके बाद से घटना की निंदा किये जाने की होड़ सी मच गई प्रधनमंत्री जी ने ट्वीट कर घटना पर अफसोस जताया और कहा शहीदों की शहादत जाया नही जाएगी तो वही गृह मंत्री राजनाथ सिंह सुकमा जा कर हालात का जायज़ा लेंगे क्या ऐसा करने और कहने से नक्सलवाद खत्म होगा सवाल ये उठता है।हम जब देश के भीतर ही आतंकवाद को मुह तोड़ जवाब नही दे पा रहे तो बाहर वालों को क्या सबक सिखाएंगे ये भी एक चिंता का विषय है।सरकार के पास सारे अधिकार और सारे खुफिया तंत्र होने के बावजूद ऐसी घटनाएं कैसे हो जाती है ये आज सारा देश पूछ रहा है और जानना चाहता है कि सरकार की क्या मजबूरी है जो ऐसी घटनाओं पर अंकुश नही लगाया जा रहा है।