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Wednesday, December 4, 2024

​जब पता है तो नियंत्रण करने में क्या मजबूरी है???

लखनऊ, दीपक ठाकुर। उत्तर प्रदेश में सरकार ज़रूर बदल गई है पर कानून व्यवाथा जस की तस बनी हुई है।इसी मुद्दे पर विधान सभा मे हंगामा बरपा हुआ है और सत्ता पक्ष कमज़ोर नज़र आ रहा है। हालांकि सत्तापक्ष उतना भी कमजोर नही है जितना विपक्ष समझ रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुखिया ने संकेत दे दिया है कि उनकी जानकारी में ये बात आ गई है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था कौन बिगाड़ रहा है।

इसी बाबत विधान सभा मे योगी आदित्य नाथ ने विपक्ष के साथ साथ प्रदेश की जनता को भी ये भरोसा दिया है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित होगा इसके लिए जितने भी सख्त कदम उठाने पड़ेंगे ये सरकार उठाएगी और किसी भेदभाव के बिना कारवाई करेगी।

योगी जी की ये बात तो काबिले तारीफ लगी जिसे सुनकर ये लगा भी के अब कानून से खेलने वालों की खैर नही पर सवाल ये उठता है कि कानून व्यवस्था सुधरने में समय क्यों लग रहा है क्या पूर्व की सत्ता के कानून के रखवालों की आदत नही बदली या कानून व्यवाथा को दुरुस्त करने का जिम्मा लेने वालों ने इसकी अहमियत को अपने हिसाब से तय करने की सोच रखी है क्योंकि आज भी पुलिस का अपराध को लेकर क्या रवैया रहता है ये बात किसी से छिपी नही है आज भी खाकी और सफेद चोले में दांत काटा रिश्ता दिखाई देता है थानों पर सुनी उसी की जाती है जिसकी सिफारिश में दम होता है।

ये सब कोई नई बात नही है ऐसा होता आया है और होता रहेगा हालांकि जब योगी जी ने प्रदेश की बागडोर संभाली थी तब का उनका एक्शन ऐसा था जिससे उम्मीद बंधी थी कि अब सब राइट टाइम होगा पर अफसोस ये है कि समय जैसे जैसे बीत रहा है वैसे वैसे योगी के एक्शन का प्रभाव कम होता नजर आने लगा है क्योंकि सबको पता है के नौकरी पक्की है तो ज़्यादा मेहनत कर के क्या फायदा चलने दो जैसा चल रहा है।ऐसे में वाकई योगी जी को इस व्यवस्था पर चौकस नज़र बनाये रखने की ज़रूरत है पुलिस विभाग को सहूलियत देने के साथ ऐसा निर्देश भी दें जिससे आम जनता बेख़ोफ़ रहे और अपराधी ख़ौफ़ज़दा रहे क्योंकि अभी तस्वीर उल्टी दिखाई दे रही है।

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