style=”text-align: justify;”>लखनऊ (जेएनएन)। उन्नाव में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने तीस-चालीस मरीजों को एचआइवी संक्रमण की ओर ढकेल दिया हा। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने उन्नाव में एक ही इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल कर कई लोगों में एचआइवी का संक्रमण पहुंचाने वाले झोलाछाप को जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं। सिंह ने अस्पतालों में इलाज के दौरान लापरवाही के मामलों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को बताया कि उन्नाव में लगाए गए स्वास्थ्य शिविरों में जांच के दौरान कुछ लोग एचआइवी पॉजिटिव पाए गए हैं। पीडि़तों को संक्रमित इंजेक्शन दिए जाने की जांच चल रही है। इंजेक्शन देने वाले को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पीडि़तों का इलाज कानपुर मेडिकल कॉलेज में कराया जा रहा है। उन्नाव में एचआइवी पॉजिटिव के 38 केस मिले
उन्नाव के बांगरमऊ ब्लाक क्षेत्र में लगातार एचआइवी पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। हाल ही में 13 रिएक्टिव केस मिलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने कोई ऐसा हल नहीं तलाशा जिससे पीडि़त थमते या फिर कम होते। जनवरी में कराए गए परीक्षण में बांगरमऊ के प्रेमगंज, करीमुद्दीनपुर उर्फ किरविदयापुर और चकमीरापुर में एचआइवी पाजिटिव के 38 संभावित केस मिले। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग में अब खलबली मची है। अब तक हुए परीक्षण के बाद 33 को एचआइवी पॉजिटिव की पुष्टि हुई है। मामले में एक ही सुई से संक्रमण की बात सामने आ रही है। सीएमओ के आदेश पर झोलाछाप डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।
38 संभावित एचआइवी रोगी
जनवरी में स्वास्थ्य विभाग ने बांगरमऊ ब्लाक क्षेत्र में तीन एचआइवी परीक्षण कैंप में किरविदियापुर, प्रेमगंज और बांगरमऊ के चकमीरापुर के 566 लोगों ने जांच कराई। इनमें 38 संभावित एचआइवी रोगी मिले थे। एचआइवी की पुष्टि के लिए प्राथमिक टेस्ट के बाद होने वाले दो अन्य टेस्ट के लिए सभी को हसनगंज के सेंटर बुलाया गया जहां उनकी काउंसिलिंग कर एचआइवी पॉजिटिव होने का कारण पता करने का प्रयास किया गया। सेंटर प्रभारी के अनुसार अब तक 33 लोगों में इसकी पुष्टि हो गई है। इनमें एक साल से 14 वर्ष के पांच बच्चे भी शामिल हैं जबकि पांच लोगों का फाइनल टेस्ट नहीं हो पाया है। सभी में एक बात कामन है कि सुई से संक्रमण फैला है। एक क्लीनिक पर झोलाछाप डॉक्टर सभी मरीजों का एक ही इंजेक्शन से इलाज कर रहा था।
फरार हो गया झोलाछाप डॉक्टर
बांगरमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्साधीक्षक डा. पीके दोहरे ने झोलाछाप डॉक्टर राजेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि एफआइआर दर्ज करने के बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम भेजी गई थी। कई ठिकानों पर दबिश दी गई पर वह हाथ नहीं लगा है। सीएमओ डा. एसपी चौधरी के निर्देश पर एसीएमओ डा. तन्मय कक्कड़ ने बांगरमऊ पहुंच कर पीडि़तों से बात कर रोग फैलने के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया।
पहले भी हुआ था कार्रवाई का आदेश
लगभग तीन माह पूर्व बांगरमऊ में एक निजी संस्था ने एचआइवी परीक्षण शिविर लगाया था जिसमें बांगरमऊ में 13 एचआइवी पाजिटिव रोगी मिले थे। तत्कालीन सीएमएस ने सीएमओ ने सीएमएस को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी। रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया था कि बांगरमऊ में किसी क्लीनिक पर एक ही सुई से इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। नोडल अधिकारी एचआइवी डा राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि काउंसिलिंग में जो तथ्य सामने आ रहे उसके अनुसार इंजेक्शन की सुई से रोग फैलने की संभावना नजर आ रही है, इस पर भी जांच कराई जाएगी।