जामिया के कुलपति प्रोफेसर तलत अहमद को एक बार फिर से “मोस्ट एमिनेंट वाईस चांसलर” यानि सबसे प्रख्यात कुलपति का सम्मान मिला है। इस बार एंग्लो अरेबिक स्कूल्स एंड दिल्ली कॉलेज ओल्ड बॉयज़ एसोसिएशन यनि एलुमनाई एसोसिएशन ने ये सम्मान प्रोफेसर अहमद को दिया है। दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेन्टर में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में एसोसिएशन ने प्रोफेसर अहमद को “मोस्ट एमिनेंट वाईस चांसलर ऑफ द ईयर-2017” का ये सम्मान दिया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी, कांग्रेस नेता मीम अफ़ज़ल और वरिष्ठ पत्रकार शाहिद सिद्दीकी ने संयुक्त रूप से ये ख़िताब प्रोफेसर अहमद को दिया। ये दोनों भी एसोसिएशन के पैट्रन हैं। 2017 में प्रोफेसर अहमद को कई सम्मान मिले और जामिया मिलिया इस्लामिया ने कामयाबी की नई ऊंचाइयां हासिल की जिसके मद्देनज़र एंग्लो अरेबिक स्कूल्स एंड दिल्ली कॉलेज ओल्ड बॉयज़ एसोसिएशन ने इस सम्मान से प्रोफेसर अहमद को नवाज़ा है। कार्यक्रम के दौरान जामिया के कई अध्यापक, अधिकारी , हमदर्द लैबोरेटरीज के मालिक हामिद अहमद और दिल्ली कॉलेज से जुड़े बहुत से लोग मौजूद थे।
इस मौके पर प्रोफेसर अहमद ने कहा “मेरे आगे बढ़ने में और इतने अवार्ड हासिल करने में मेरे छात्रों का बहुत योगदान है। नौजवानों को बढ़ावा दें ,उ का मागदर्शन करें तो नाम आपका होता है। मुझे जो भी अवार्ड मिलता है इसका मतलब वो अवार्ड सिर्फ मुझे नहीं जामिया मिलिया इस्लामिया को भी मिलता है। ”
दिल्ली एजुकेशन सोसाइटी तीन स्कूल चलती है जिनमे एक एंग्लो अरेबिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल एंड कॉलेज है, दूसरा एंग्लो अरेबिक मिडिल स्कूल और तीसरा शफ़ीक़ मेमोरियल स्कूल है। ये तीनों दिल्ली के ऐतिहासिक स्कूल हैं। अजमेरी गेट पर स्थित एंग्लो अरेबिक स्कूल दिल्ली के सबसे पुराने स्कूलों में से एक है। 1696 में ग़ाज़ी-उद्दीन फिरोज़ जंग ने यहां एक मदरसा स्थापित किया था जिसने बाद में एक स्कूल की शक्ल ली।
पिछले साल 9 दिसंबर को भी प्रोफेसर तलत अहमद को “मोस्ट एमिनेंट वाइस चांसलर” सम्मान से नवाज़ा गया था। सातवें अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार सम्मान समारोह में प्रोफेसर अहमद को ये सम्मान दिया गया था। ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ ह्यूमन राइट्स, लिबर्टीज एंड सोशल जस्टिस, अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर मानव अधिकारों की रक्षा, शांति और आपसी भाईचारा को बढ़ावा देने की दिशा में उत्कृष्ट काम करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करती है। काउंसिल ने एमनेस्टी वर्ल्डवाइड मूवमेंट, नेशनल काउंसिल ऑफ न्यूज़ एंड ब्राडकास्टिंग और एशियन ह्यूमन राइट्स काउंसिल के साथ मिल कर ये सम्मान समारोह आयोजित किया था। प्रोफेसर अहमद को ये सम्मान शांति को बढ़ावा देने की दिशा में बहुत ही प्रेरक व अभूतपूर्व नेतृत्व और सेवा के लिए दिया गया था।