बहराइच(अब्दुल अजीज):NOI। जिलाधिकारी अजय दीप सिंह ने कलेक्टेªट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि जननी सुरक्षा योजनान्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसव कराने वाली महिलाओं को प्रसव के उपरान्त कम से कम 48 घण्टे तक अनिवार्य रूप से अस्पताल पर रोका जाय और इस दौरान उन्हें शासन द्वारा अनुमन्य निःशुल्क भोजन, नाश्ता आदि की सुविधा उपलब्ध करायी जाय। साथ ही योजनान्र्तगत प्राप्त होने वाली धनराशि का समय से भुगतान कराकर यह सुनिश्चित कराये कि धनराशि सम्बन्धित महिला के बैंक खाते पहुंच जाय। उन्हांेने यह भी निर्देश दिया कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर बैठने, बिजली, पानी व अन्य मुलभूत सुविधाओं का पुख्ता प्रबन्ध किया जाय जिससे स्वास्थ्य केन्द्रों पर आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
जिलाधिकारी श्री सिंह ने कहा कि प्रायः निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य केन्द्रों व उसके परिसर की समुचित साफ-सफाई आदि की व्यवस्था संतोषजनक नहीं पायी जा रही है और स्वास्थ्य केन्द्र में टूटे फर्नीचर, अव्यवस्थित अभिलेख व दवायें रखे पाये जाते हैं। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया कि स्वास्थ्य केन्द्र व परिसर की समुचित साफ-सफाई के साथ-साथ अभिलेखों व दवाओं के सुव्यवस्थित रख-रखाव के साथ-साथ स्वास्थ्य केन्द्रों पर सभी आवश्यक रजिस्टर बनायें और उसमंे नियमित रूप से सभी आवश्यक विवरण अंकित करते हुए रजिस्टर को अद्यतन रखा जाय।
विशेष जेई टीकाकरण अभियान की समीक्षा में पाया गया कि टीम में शिक्षकों का अपेक्षित सहयोग नहीं प्राप्त हो रहा है जिससे अभियान को संचालित करने में बाधा आ रही है। इस पर उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि प्रत्येक टीम के साथ शिक्षक अथवा शिक्षामित्र अवश्य मौजूद रहंे। जिलाधिकारी श्री सिंह ने निर्देश दिया कि विशेष जेई टीकाकरण अभियान में सभी सम्बन्धित विभाग सक्रिय सहयोग प्रदान करते हुए अभियान को सफलता पूर्वक संचालित करायंे ताकि शतप्रतिशत लक्षित बच्चों का टीकाकरण किया जा सके।
स्वास्थ्य योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा में पाया गया कि विकास खण्ड मिहींपुरवा में एएनएम की संख्या मानक से कम है इसके कारण स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्य प्रभावित न हो इसके मद्देनजर जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देश दिया कि विकास खण्ड महसी से 02 एएनएम को स्थानान्तरित कर मिहींपुरवा में तैनात करें। उन्होंने डीपीआरओ को निर्देश दिया कि जिन गांवों में स्वच्छता कार्य पूर्ण हो गया है ऐसे गांवों की सूची स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा दें जिससे ऐसे गांवों में फागिंग व एण्टी लार्वा आदि की कार्यवाई करायी जा सके।
क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान पाया गया कि ओपीडी में डाक्टरों द्वारा क्षय रोगियों की पहचान मानक से कम की जा रही है। इस सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि ओपीडी के दौरान डाक्टरों द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार क्षय रोगियों की पहचान बढायी जाय ताकि जनपद में अधिक से अधिक चिन्हित क्षय रोगियों को क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम से आच्छादित किया जा सके। इसके अलावा बैठक में अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं योजनाओं की समीक्षा कर सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। बैठक का संचालन डीपीएम एनएचआरएम डा. आरबी यादव ने किया।
इस अवसर मुख्या चिकित्याधिकारी डा. अरूण लाल, सीएमएस पुरूष डा. डीके सिंह, महिला डा. मधु गैरोला, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. अमरकान्त सिंह, सीवीओ डा. बलवन्त सिंह सहित उप मुख्य चिकित्साधिकारीगण, प्रभारी चिकित्साधिकारीगण व अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।