ललितपुर:सरकार बनते ही CM योगी ने ऐलान किया था की सूबे की जनता को बेहतर से बेहतर स्वास्थ सेवाएं दी जाएंगे। एक तरफ योगी सरकार दावा कर रही है की सूबे में बेहतर स्वास्थ सेवाएं दी जाएंगे वहीं जनपद का जिला अस्पताल उनके दावों को खोखला साबित कर रहा है।
जनपद का जिला अस्पताल बदहाली के दौर से गुजर रहा है। यहां पर भर्ती मरीज बदहाली में अपना इलाज करा रहे हैं। यहां भर्ती मरीजों के लिए किसी तरह की लाइट की व्यवस्था नहीं है। बदलते मौसम और उमस भरी गर्मी के कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या प्रतिदिन बड़ा रही है।
जिला चिकित्सालय में बिजली न होने से मरीज परेशान
प्रदेश में योगी सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भरपूर बजट देने की बात कहती हो। 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के दावे करती हो लेकिन ललितपुर जनपद के जिला चिकित्सालय में सरकार के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। लगातार तीन दिनों से जिला चिकित्सालय में 4-4 घंटे बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है। रात हो या दिन यहां 3 से 4 घंटे लाइट की कटौती की जा रही है।
जिला चिकित्सालय के फीडर को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने वाले फीडर से जोड़ा गया है। फिर भी लाइट ना होने से मरीज लोगों का हाल बेहाल है एवं भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरी में मरीज स्वास्थ्य होने की आशा लिए गर्मी में बिना लाइट एवं बिना पंखे के पलंग पर पड़े रहने के लिए मजबूर हैं। वार्ड में देखा कि कोई हाथ का पंखा हिला रहा है तो कोई कपड़े से हवा कर रहा हैं।
बर्न केस के मरीजों का तो और बुरा हाल है। जो बिना हवा के शरीर में जलन महसूस कर रहे हैं। जिला अस्पताल का बर्न वार्ड वैसे भी परेशानी की स्थिति में है। बर्नवार्ड में मरीजों के लिए पंखे और एसी तो लगाए गए हैं। मगर बिजली की उपलब्धता ना होने के कारण वह सफेद हाथी बने हुए हैं। जबकि जले हुए मरीजों को काफी ठंडक की जरूरत होती है। मगर यहां पर जले हुए मरीजों का हाल बहुत बुरा है।
जिला अस्पताल में कुछ एक्सरे तो किए जाते है मगर कुछ एक्सरे नहीं किए जाते मतलब कानूनी कार्यवाही में काम आने वाले एक्स-रे टेक्नीशियन होने की वजह से नहीं किए जाते क्योंकि कोर्ट के आदेशानुसार अगर किसी सरकारी अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट नहीं है तो वहां पर अल्ट्रासाउंड और एक्सरे नहीं किए जाएंगे और यही हाल जनपद के अस्पताल का है जिसके अभाव में मरीज को झांसी जाना पड़ता है
जिला अस्पताल में ओपीडी में दिखाने वाली रोजाना सैकड़ों मरीज दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से इस आस में आते हैं कि जिला अस्पताल में उन्हें अच्छा और सस्ता इलाज मिलेगा मगर यहां आकर वह काफी निराश होते है क्योंकि यहां पर कई दवाएं उपलब्ध नहीं है जो मरीजों को नहीं दी जाती हालांकि इमरजेंसी में काम आने वाली दवाएं बाजार से खरीदकर मंगवाई जाती है