नई दिल्ली
जहां एक तरफ विपक्षी पार्टियां एकजुट होने की कोशिश कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ एनडीए में शामिल पार्टियों ने बीजेपी को बेहतर सामंजस्य की सलाह दी है। टीडीपी के गठबंधन से बाहर होने और शिवसेना के विद्रोही तेवरों के बीच सहयोगी जेडीयू भी बिहार में साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर असहज महसूस कर रही है।
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि बिहार में गठबंधन को कोई संकट नहीं है, लेकिन उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि गठबंधन को बेहतर सामंजस्य की जरूरत है। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान त्यागी ने कहा, ‘एनडीए 1 और एनडीए 2 में काफी अंतर है। यह समझने योग्य है कि नेतृत्व में बदलाव हुआ है, लेकिन सहयोगी दलों के साथ बेहतर कोऑर्डिनेशन के लिए नियमित तौर पर मीटिंग की जानी चाहिए और मतभेदों को दूर करने की जरूरत है।’
उन्होंने कहा कि बिहार में बीजेपी के सहयोग से सरकार को बने हुए लगभग 10 महीने हो गए हैं, लेकिन अब तक एक भी मीटिंग नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘बिहार में बीजेपी का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है, लेकिन केंद्र में जेडीयू का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। इस मुद्दे को सुलझाए जाने की जरूरत है।’
त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार बीजेपी नेताओं के बयानों से खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतिश कुमार ने कभी भी सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया है। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने भी इस बात पर सहमति जताई है कि बातचीत की कमी की वजह से बीजेपी के साथ मतभेद आ रहे हैं।
राजभर ने कहा, ‘हमें एक साथ बैठकर बातचीत कर मुद्दों को सुलझाना चाहिए।’ बता दें कि राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले राजभर ने बीजेपी नेताओं को वोट न करने की बात भी कही थी। इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष ने राजभर से बात कर उन्हें समझाया था। राजभर ने कहा कि वह एनडीए में बने रहेंगे, लेकिन लोगों को चिंताओं के मुद्दे को उठाते रहेंगे।