बस एक चिंगारी भर की देर है और छिड़ जाएगी अमेरिका और उत्तर कोरिया में जंग. डराना हमारा मकसद कतई नहीं है. मगर अब हालात ही ऐसे बन गए हैं क्योंकि अभी तक तो बस नार्थ कोरिया का सनकी तानाशाह ये धमकी दे रहा था लेकिन अब पहली बार बेहद खुले लफ़्ज़ों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने कह दिया है कि दुनिया के लिए कैंसर बन चुके किम जोंग उन का इलाज ज़रूरी है. अब चूंकि ट्रम्प भी जानते हैं कि वो क्या कह रहे हैं. इसलिए उन्होंने इस धमकी के साथ ये भी साफ कर दिया है कि ये संघर्ष बहुत भीषण होगा.
उत्तर कोरिया को नहीं बख़्शेगा अमेरिका
कुछ इन्हीं लफ्ज़ों में जंग को टालने और किम जोंग उन पर दबाव बनाने की लाखों कोशिश कर के हारने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पूरी दुनिया को मौजूदा हालात से रूबरू कराया है. ट्रम्प के इन लफ्ज़ों के मायनों को समझना बहुत ज़रूरी है. क्योंकि जब दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश ये ज़ुबान बोलने लगे. तो मान लीजिए कि हालात वाकई अब काबू में नहीं हैं. तो सबसे पहले जानिए ट्रम्प की वो धमकी जिससे साफ़ है कि अब वो उत्तर कोरिया की किसी भी हरकत को बख़्शने के मूड में बिलकुल भी नहीं हैं.
युद्ध टल सकता है अगर किम चाहें
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि नार्थ कोरिया के साथ भीषण जंग कभी भी हो सकती है. और यही एक मौका है कि हम एक बड़ी तबाही को ख़त्म कर सकें. हां मगर किम जोंग उन अगर अपने परमाणु कार्यक्रमों को रोकने को तैयार हो जाएं तो हम युद्ध को टाल सकते हैं. उत्तर कोरिया की कमान संभालने के बाद इस उम्र में किम जो चाहते हैं, वो आसान नहीं है.
दुनिया को धमका रहा है तानाशाह उन
जब से डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने हैं. अमेरिका तब से ही उत्तर कोरिया से सख्ती से पेश आ रहा है. हाल ही में किम जोंग उन की नीतियों से निपटने के लिए अमेरिकी उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा था कि सब्र का बांध अब टूट चुका है. और अब खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने साफ लफ्ज़ों में उत्तर कोरिया को वार्निंग दे दी है. उत्तर कोरिया को रोकने के लिए अमेरिका कूटनीतिक तौर पर उसे घेरने की काफी कोशिश कर चुका है. मगर किम जोंग उन के गुरूर को एक इंच भी कम नहीं कर पाया. उलटा उसका गुस्सा इस कदर भढ़ गया है कि अब वो सीना तान कर दुनिया को धमका रहा है.
परमाणु बम की धमकी
अगर हमें उकसाया गया तो हम न सिर्फ दुश्मनों पर परमाणु हमला करेंगे. बल्कि हर हफ्ते परमाणु परीक्षण भी करेंगे. और हमें कोई रोक नहीं सकता है. दुश्मन की सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और किसी भी तरह की आक्रामकता का जवाब देने के लिए भी हम तैयार हैं. नार्थ कोरिया को कोई छू भी नहीं सकता, और अगर ऐसा होता है तो हमारे लोग न सिर्फ बंदूकों और मिसाइलों से अपनी रक्षा करेंगे. बल्कि हमारे पास परमाणु बम हैं, उनके सिर्फ तीन बमों से दुनिया खत्म हो जाएगी.
अमेरिका को करारे जवाब की धमकी
तो क्या वाकई जंग तय है. एक पल को इस डराने वाले सच को नज़रंदाज़ कर भी देते. मगर उसे नज़रअंदाज़ कैसे करें, जो पांच-पांच परमाणु बम लिए बैठा है और काबू में आने को तैयार नहीं. ट्रम्प के मुंह से कुछ भी निकलने से पहले उसकी ज़ुबान ये बोलने को तैयार बैठी रहती है कि अमेरिका की हर हरकत का जवाब मिलेगा. करारा जवाब मिलेगा. मगर जो किम जोंग उन करना चाहता है. इंसानियत उसे बर्दाश्त कर नहीं पाएगी.
दक्षिण कोरिया में थाड की तैनाती
मगर ये भी हकीकत है कि आंख बंद कर लेने सच्चाई बदलती नहीं. और सच्चाई तो ये है कि अमेरिका एक तरफ जहां कोरियाई पेनिंनसुला में अपने जंगी जहाज़ों को तैनात कर चुका है, तो वहीं दूसरी तरफ उसने दक्षिण कोरिया में टर्मिनल हाई ऐल्ट्यूड एरिया डिफेंस जिसे दुनिया थाड के नाम से जानती है. उसकी तैनाती भी शुरू कर दी है. उत्तर कोरिया से मौजूदा जंग के हालात में तैनात की गई थाड को आसान भाषा में समझें तो इसे मिसाइलों को निष्क्रीय करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
दोनों तरफ से जंग की तैयारी
दोनों देश अपने बयानों में जिस तरह की आग उगल रहे हैं. उससे अंदाज़ा लगाइये कि अगर ये संघर्ष वाकई में हुआ तो ये कितना भीषण होगा. क्योंकि जब जब अमेरिका एक कदम आगे बढ़ाता है तब तब ये तानाशाह जंग की जानिब 10 कदम और आगे बढ जाता है. एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम, न्यूक्लियर पनडुब्बी, जहाजी बेड़ा कार्ल विंसन और थाड तैनात कर के अमेरिका ने अगर नॉर्थ कोरिया की सैन्य घेराबंदी की. तो उत्तर कोरिया ने भी अपनी सबसे बड़ी मिलिट्री ड्रिल में 300 बड़े टैकों से बमबारी की और नकली वॉरशिप पर सबमरीन से हमला कर के और धमाके से उड़ाकर अमेरिका को ये संदेश भी दे दिया है कि हर हमले का जवाब उसके पास भी है.