लखनऊ,न्यूज़ वन इंडिया-दीपक ठाकुर। गुरुवार दोपहर लखनऊ के डालीगंज चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस को एक बैग पड़ा मिला । संदिग्ध वस्तु की आशंका में पुलिस ने जब लावारिस बैग खोला तो उनके होश उड़ गए । उसमें 14 हजार नगद, दो लाख 30 हजार का चेक और कुछ कागजात मिले, जिसे देख पुलिस टीम असमंजस में पड़ गई ।
कोई प्रमाण न मिलने पर ट्रैफिक पुलिस ने बैग की गहनता से तलाशी शुरू की । तभी कागजों के बीच उन्हें एक परचा मिला । पर्चे पर विजय कुमार का नाम लिखा हुआ था । नाम के आगे एक मोबाइल नंबर भी अंकित था ।
ट्रैफिक टीएसआई विनोद कुमार और उनके हमराही अतहर खान ने उक्त नंबर पर कॉल किया । जैसे ही सामने वाले व्यक्ति ने फोन उठाया पुलिस टीएसआई ने उक्त व्यक्ति की सच्चाई परखने के लिए सवाल किया कि क्या उसका कोई सामान खो गया है ।
इतना सुनते ही फोन के दूसरी तरफ वाला व्यक्ति बहुत भावुक हो गया । घोर निराशा की मुद्रा में रूआसी आवाज़ में जवाब दिया, ‘हां भाईसाब एक बैग था जो कहीं गुम हो गया है’ ।
ट्रैफिक पुलिस को उसकी हालात से अंदाजा हो गया कि आदमी सही बोल रहा है । पुलिस ने उसे आश्वस्त करते हुए कहा कि घबराएं नहीं, बैग सुरक्षित हाथों में है । फिर ट्रैफिक पुलिस के टीएसआई ने अपना परिचय देते हुए उससे डालीगंज चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस बूथ पर आने को कहा ।
कुछ ही देर बाद पुलिस के सामने एक बुज़ुर्ग सा नजर आने वाला व्यक्ति आ खड़ा हुआ । वो व्यक्ति टीएसआई विनोद कुमार और सिपाही अतहर खान के बारे में पूछने लगा । इसके बाद पुलिस ने आए हुए व्यक्ति को पहचानपत्र दिखाने को कहा ।
बुज़ुर्ग ने अपना नाम विजय कुमार बताते हुए पुलिस को अपना परिचय पत्र दिखाया । उसने बताया कि वो आईटीआई गोंडा का रिटायर्ड कर्मचारी है । लखनऊ डॉक्टर को दिखाने आता रहता है । हर माह दवा पर उसे कई हजार रुपए खर्च करने पड़ जाते है । आश्वस्त होने पर ट्रैफिक पुलिस ने बुजुर्ग व्यक्ति को 14 हजार रुपए, दो लाख 30 हजार का चेक और कागजात सहित उसका पूरा बैग लौटा दिया ।