लखीमपुर खीरी:NOI– हम देखते है कि आज कल की इस दुनिया मे इंसान बड़ा आदमी होते होते इतना बड़ा हो जाता है कि वो ये तक भूल जाता है कि इंसान वो भी है और गरीब आदमी अपनी लाचारी और विवस्ता को देख अपनी गरीबी पर आंशू बहाते हुए दर दर भटकता है जिन्हें देख कर सब ये तो कहते है कि देखो बेचारा कितना गरीब है मगर उस गरीब को मदद देने के लिए कोई आगे नही आता जिसके चलते आये दिन सुनने में आता है कोई भूख से मरता है तो कोई ठंड से मरता है।
इन दिनों ठंड का दौर है जिसके चलते प्रशासन की तरफ से जगह जगह अलाव जलाए जाते है और गरीबों विक्षुप्त लोगों को गर्म कम्बल भी वितरित किये गए मगर प्रशासन पर उंगली तब उठती है जब यह देखा जाता है कि जो गर्म कम्बल वितरित किये गए क्या वो लोग पात्र थे या सिर्फ उच्चाधिकारियों के आदेश का पालन कर आनन फानन में अपात्र लोगों को भी कम्बल दे दिए गए। जी हाँ एक ऐसा ही मामला जनपद की तहसील मितौली का सामने आया है जहाँ ठंड से एक गरीब विक्षुप्त असहाय ने अपने प्राण त्याग दिए।
बताते चलें कि जनपद की तहसील मितौली का निवासी गिरधारी उम्र लगभग 45 की भारी ठंड के चलते मौत हो गयी जब मृतक गिरधारी के बच्चे व पत्नी बिलख बिलख कर रो रहे थे तभी तहसील प्रशासन की तरफ से लेखपाल साहब कम्बल देने आए जिससे वहाँ पर मौजूद लोगों ने यह कहा की यदि तहसील प्रशासन थोड़ा पहले जागता तो आज गिरधारी की मौत ठंड से न होती उधर मृतक के परिजनों ने यह आरोप लगाया कि तहसील प्रशासन ने आज तक उसे न तो गर्म कम्बल दिया न ही राशन जब जब तहसील में अधिकारियों से कहा गया तो धक्का मार कर उन्हें भगा दिया गया।
वैसे गिरधारी के मरने के बाद तहसील प्रशासन जगा और मृतक गिरधारी के घर पर कम्बल के साथ अनाज के बोरे भी भिजवाए जिन्हें देख मृतक के घर वालों ने गुस्सा करते हुए कहा कि अब इनका हम क्या करे।
वैसे ढंड से प्राण त्यागने वाले गिरधारी की मौत पर तहसील प्रशासन की एक बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई है।