शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI- जनपद की तहसील निघासन इन दिनों अपनी खामियों की वजह से आये दिन चर्चे में आ रही है इसी बीच एक और खबर आ रही है जो सीधे तौर पर तहसील प्रशासन पे उंगली उठाने पर विवश है।
कभी कभी उच्चाधिकारियों की कलम से कुछ यूं गलत हो जाता है कि उनके जूनियर उन्हें गलत रिपोर्ट भेज उच्चाधिकारी को सही तर्क से दूर रखते है।
एक ऐसा ही मामला तहसील निघासन का संज्ञान में आया है जहाँ तहसीलदार व नायब तहसीलदार की गलत रिपोर्ट के आधार पर उपजिलाधिकारी ने अवैध कब्जेदार के पक्ष में गलत व भ्रामक रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी है।
बताते चले कि श्रेणी 132 की नवीन परती जमीन पर गन्ने की फसल लगी है जिसे राजस्व विभाग भी मानता है परंतु तहसील प्रशासन फसल बड़ी होने के कारण अवैध कब्जेदार के पक्ष में पैमाइस करने से मना कर रहा है। जबकि उक्त नम्बर गाँव के करीब है व उक्त गाटा संख्या के दोनों किनारे साफ है मगर तहसील प्रशासन सरकार की मंशा व राजस्व हित मे लालपुर के गाँव झंडी की गाटा संख्या 2392 पर लगी सरकारी गन्ने की फसल प्रधान के सुपुर्द कर फसल की निलामी कराकर उसका पैसा राजस्व कोष में न जमा कराकर सरकार की मंशा के अनुरूप व राजस्व नियमावली के विपरीत अवैध कब्जेदार के पक्ष में तहसील प्रशासन द्वारा कार्य किया जा रहा है।
तहसील निघासन योगी व मोदी सरकार के नियमों को ताख पर रखते हुए भूमाफियों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाए सरकार के नियमों को ठेंगा दिखाता हुआ नजर आ रहा है।