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Tuesday, September 10, 2024

​त्रिपुरा: बीजेपी सरकार ने खोला 20 साल पहले RSS के 4 प्रचारकों की हत्या का केस

अगरतला
त्रिपुरा में सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 20 साल पहले हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के चार प्रचारकों की हत्या के केस को फिर से खोल दिया है। बीजेपी सरकार ने केस को ओपन करने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन कर दिया है।

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने टीओआई से बातचीत में बताया, ’20 साल पहले हुए प्रचारकों के हत्याकांड में हमने षड्यंत्र की शंका के आधार पर एसआईटी का गठन किया। मामले की जांच के लिए इंस्पेक्टर कमलेंदु भौमिक की अगुवाई में टीम गठित कर दी गई है।’

इससे पहले प्रदेश सरकार ने एक हफ्ते पहले ही वर्ष 1993 में कांग्रेस पंचायत प्रमुख आतिश चौधरी की हत्या के मामले में भी ताजा जांच का आदेश दिया है। कांग्रेस पार्टी के नेता इस हत्याकांड में सीपीएम वर्कर्स के शामिल होने का आरोप लगाते रहे हैं। यह केस भी लंबे अरसे से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था।

वर्ष 1999 के अगस्त महीने में नैशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) ने आरएसएस के चार प्रचारकों- श्यामलाल सेनगुप्ता (जोनल महासचिव), सुधामय दत्ता (अगरतला के एरिया इन्चार्ज), दिनेन्द्र नाथ डे (असम में प्रचारक) और शुभांकर चक्रवर्ती (जिला प्रचारक) का अपहरण कर लिया था, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। प्रचारक के मर्डर केस में आरएसएस की तरफ से कई बार स्वतंत्र जांच की मांग उठाई जा चुकी थी लेकिन प्रदेश में काबिज लेफ्ट फ्रंट की सरकार इस मांग को टालती रही।

हाल ही में त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भारी बहुमत हासिल करते हुए सरकार बनाई। इसके बाद से ही आसार लगाए जा रहे थे कि इस हत्याकांड की दोबारा जांच होगी। जीत के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में भी आरएसएस प्रचारकों की हत्या का जिक्र किया था।

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