नई दिल्ली। कुछ दिन पहले तक पश्चिम बंगाल सांप्रदायिक दंगे की आग में झुलस रहा था। इस दौरान बीजेपी और संघ पर आरोप लगा कि वो इसका सियासी फायदा उठाने चाहते थे। शायद यही वजह है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिसिया कार्ररवाई करते हुए संघ विचार राकेश सिन्हा पर शांति भंग करने और दंगा भडकाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराया है। अब पश्चिम बंगाल पुलिस संघ विचारक पर गैर जमानती वारंट जारी किया है।
दरअसल कुछ दिन पहले एक नाबालिग बच्चे द्वारा फेसबुक पर पैगम्बर मुहम्मद साहब के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट डाले जाने के बाद से पश्चिम बंगाल में हिंसा भड़की थी। नाबालिग के उस पोस्ट के बाद दंगे शुरू हो गए कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया। उत्तरी 24 परगना स्थित बशीरहाट में हिंसक तनाव पर काबू पाने के लिए धारा 144 लागू की गई जिसके बाद भी हिंसा हुई और प्रदर्शनकारियों ने रास्ते बंद किए। इस पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े हिंसा के दौरान एक शख़्स की मौत भी हुई थी।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक, संघ विचारक के खिलाफ एफआईआर कलकत्ता के सेक्शपीयर सरानी थाने में 12 जुलाई को कराई गई है। पुलिस ने भारतीय अचार संहिता की धारा 153 ए1 (ए)(बी), 505(1)(बी),295ए,120बी के तहत मामला दर्ज किया है। राकेश सिन्हा पर आरोप है कि उनके बयानों से भविष्य में दंगा भड़क सकता है।
एफआईआर के मुताबिक, राकेश सिन्हा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ऐसे फोटो और व्यक्तव्य डाले हैं। जिससे राज्य की शांति व्यवस्था भंग हुई है। हालांकि सिन्हा का कहना है कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है, जिससे की पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति बेपटरी हो।
बता दें कि इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक ट्वीट कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की थी। नूपुर शर्मा ने पश्चिम बंगाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ लोगों से जंतर मंतर पर होने वाले विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की थी। नूपुर शर्मा ने इसके लिए एक तस्वीर शेयर की थी जिस पर एक जलते हुई गाड़ी को दिखाया गया था और उसके आस पास दंगाइयों की भीड़ दिखाई गई थी। नूपुर शर्मा के ट्वीट के बाद तमाम ट्विटर यूजर्स ने नूपुर शर्मा की क्लास लगा दी। ट्विटर यूजर्स ने नूपूर शर्मी पर गलत तस्वीर का साहार लेकर नफरत भड़काने का आरोप लगाया।
नूपुर शर्मा के ट्वीट के जावाब में विशाल ने लिखा ‘2002 के गुजरात दंगे की तस्वीरों का इस्तेमाल बंगाल में सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए हो रहा है। इस अकाउंट की रिपोर्ट क्यों नहीं की गई/अकाउंट को बंद क्यों नहीं किया गया है।’
नौ जूलाई को तेलंगाना के बीजेपी विधायक राजा सिंह ने भी पश्चिम बंगाल हिंसा पर बेहद विवादित बयान दिया था। राजा सिंह के पश्चिम बंगाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा के जवाब में 2002 में हुए गुजरात जैसा दंगा कराने की चेतावनी दी थी। राजा सिंह ने अपील करते हुए कहा था कि जिस तरह से गुजरात के हिंदुओं ने सांप्रदायिक दंगा करने वालों को जवाब दिया, उसी तरह बंगाल के हिंदुओं को जवाब देने की जरूरत है। उनका सीधा इशारा 2002 में हुए गुजरात दंगे की तरफ था, जिसमें हजारों मुस्लिम मारे गए थे।