लखनऊ, इरफ़ान, शाहिद। मड़ियांव फैजुल्ला गंज में आज रविवार के दिन बड़ा ही नाटकीय वाक्या संज्ञान में आया जहां एक ज़मीन के दो कब्जेदार आपस मे भिड़ते नज़र आये एक का कहना था कि वो ज़मीन उसकी है बल्कि दूसरा पक्ष कानून का रखवाला है जो उस पर अपना नाम तक लिखवा चुका है।
इसी मामले को लेकर आज न्यूज़ ग्रुप पे बड़ी सरगर्मी दिखाई दी जिसमे पीड़ित पक्ष का फोन नम्बर भी दिया गया था न्यूज़ वन इण्डिया संवाददाता ने उसी नम्बर पर फोन कर पीड़ित का पक्ष जाना तो पता चला कि पीड़ित के अनुसार उसने फैजुल्ला गंज में एक हज़ार स्क्वार्फ़ीट ज़मीन सन 2008 में ही खरीदी थी जिसके उसके पास पूरे कागज़ात भी हैं।
पीड़ित ने बताया कि उसके पापा फेरी लगा कर अपना जीवन यापन करते है जो फिलहाल पैरालाइसड है उसने बताया कि ज़मीन लेने के बाद उसने चारो तरफ बाउंड्री कर प्लाट ऐसे ही रख छोड़ा था जिस पर पड़ोस में अपना मकान बनवा रहे गोमती नगर में तैनात दरोगा विमल सिंह ने कब्जा कर लिया ये बात उसे तब पता चली जब आज वो अपना प्लाट देखने गया था।
पीड़ित की माने तो ऐसा देख कर उसने और उसकी बुजुर्ग माता जी ने दरोगा से अपने ज़मीन पर कब्ज़ा हटाने की बात की तो उस पक्ष ने पीड़ित को और उसकी माँ को धक्का मार कर वहां से भगा दिया और कहा कि ये ज़मीन उसकी है जहां जाना हो जाओ।
ये सुनकर पीड़ित पक्ष सन्न रह गया और अपनी फरियाद एसएसपी साहब के पास लेकर गया पर वहां उसकी मुलाकात एसएसपी साहब से नही हो पाई और उसे कहा गया कि थाने जा कर बात कर लो पर पीड़ित पक्ष थाने जाने से घबरा कर वापस घर चला गया क्योंकि उसे अंदेशा था कि थाने पर उसकी बात नही मानी जायेगी और उल्टा उसी पर दबाव बनाया जाएगा।
पीड़ित एसएसपी साहब से मिलकर ही अपनी समस्या का निपटारा कराना चाहता है वो कल फिर उनसे मिलने का प्रयास करेगा ये बात पीड़ित ने हमे बताई है।हमारा यही प्रयास है कि पीड़ित की बात एसएसपी महोदय तक पहुंचे और मामले को संज्ञान में लेकर उसपर त्वरित कारवाई हो दोषी को बख्शा ना जाये और निर्दोष को फसाया ना जाये।