नई दिल्ली। पिछले साल पीएम नरेंद्र मोदी महात्मा गांधी की मुद्रा में सूत कातते नजर आए थे। इसका नतीजा हुआ कि खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर पर महात्मा गांधी की जगह पीएम नरेंद्र मोदी को दे दी गई। इसके बाद काफी हंगामा हुआ। अब ऐसा ही एक मामला बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर सामने आया है। दिल्ली में रेलवे स्टेशन पर लगे एक पोस्टर को लेकर विवाद शुरू हो गया है।
इस पोस्टर में डॉ. भीमराव अंबेडकर को कूड़ा बीनते दिखाया गया है। पोस्टर के नीचे एक स्लोगन भी लिखा गया है। स्लोगन कुछ इस तरह से है- ”आपके अंदर के बाबा साहेब को आप जागृत करें, गंदगी के खिलाफ इस महान अभियान में अपना योगदान दें।” इस पोस्टर को भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के तहत जागरुकता फैलाने के लिए लगाया गया है।
स्वच्छता अभियान के इस पोस्टर में भीमराव अंबेडकर को कूड़ा बीनते दिखाने पर लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है। लोग लिख रहे हैं कि ये डॉ. अंबेडकर का अपमान है, इसे तुरंत हटाना चाहिए।
अंत्योद्य नामक ग्रुप द्वारा डिजाइन किए गए इस पोस्टर सामने आते ही सोशल मीडिया पर हंगामा शुरू हो गया है। इस पोस्टर को तत्काल हटाने की मांग की जा रही है।
आपको बता दें कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से ही देश में लगातार भगवाकरण की कोशिशें शुरू हो गई हैं। भाजपा शासित राज्यों में इतिहास तक बदला जा रहा है। राजस्थान में अब बच्चों को पढ़ाया जाएगा कि हल्दीघाटी का युद्ध अकबर ने जीता था। इस घटना को इसी तर्ज पर बहुजन महापुरुषों के साथ खिलवाड़ की शुरूआत माना जा रहा है।
आपको बता दें कि अभी हाल में हुए राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए ने दलित उम्मीदवार रामनाथ कोविंद पर दांव खेला था। इसमें एनडीए कामयाब भी हुई। श्री कोविंद के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाने के बाद से ही बुद्धिजीवियों ने चिंता जताई थी कि अब भाजपा दलित हितों को खुलेआम चोट पहुंचाएगी।
राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने हाल ही में कहा था कि आरक्षण को अब पूरी तरह खत्म करना पागलपन होगा लेकिन हमारी सरकार आरक्षण को उस स्तर पर पहुंचा देगी जहां उसका होना या नहीं होना बराबर होगा यानी आरक्षण को निरर्थक कर दिया जाएगा।