नई दिल्ली। आरएसएस नेता राकेश सिन्हा के खिलाफ पश्चिम बंगाल में लोगों की भावनाएं आहत करने एवं दंगा भड़काने की कोशिश करने का मामला दर्ज किया गया है। सिन्हा पर आरोप है कि वो सोशल मीडिया के जरिए दिल्ली में बैठकर पश्चिम बंगाल को अशांत करने की कोशिश कर रहे हैं। सिन्हा का दावा है कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है। मामला दर्ज हो चुका है। सिन्हा अब जमानत की तैयारी कर रहे हैं।
सिन्हा के खिलाफ कलकत्ता के सेक्शपीयर सरानी थाने में 12 जुलाई को भारतीय अचार संहिता की धारा 153 ए1 (ए)(बी), 505(1)(बी),295ए,120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन धाराओं के जरिए राकेश सिन्हा के खिलाफ दंगा भडकाने, लोगों की भावनाओं को आहत करने और भविष्य में उनके बयानों के जरिए दंगा भडकने की आशंका जताई गई है। प्राथमिकी में यह भी आरोप है कि सिन्हा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ऐसे फोटो और व्यक्तव्य डाले हैं। जिससे सूबे की शांति व्यवस्था भंग हुई है।
बंगाल गए भी नहीं प्राथमिकी दर्ज
राकेश सिन्हा का कहना है कि मुझे पता नहीं कैसे मैंने पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था को अशांत कर दिया। सिन्हा का कहना है कि वे लंबे समय से पश्चिम बंगाल गए भी नहीं है। बावजूद उसके उनके खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है। यह पूरी तरह बदले की राजनीति से प्रेरित कदम है। उन्होंने बताया कि मेरे टवीटर और फसेबूक पेज पर दंगा भडकाने वाले बातों के लिखे जाने का एफआईआर में वर्णन है। जबकि मैंने अपने सोशल मीडिया साईट पर कोई विवादित फोटो नहीं डाली है। बीते कई दिनों में महज तीन फोटो डाली हैं। जिसमें एक तस्वीर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से पुरस्कार ग्रहण करते वक्त, दूसरी फोटो पीएम मोदी के साथ बुक रिलीज के एक कार्यक्रम की है और तीसरी फोटो उज्जैन के महाकाल की है।