28 C
Lucknow
Wednesday, February 19, 2025

​दिवाली से पहले GST में कटौती का तोहफा, जानिए कौन सी चीजें हुईं सस्ती

नई दिल्ली: सरकार ने कारोबारियों, निर्यातकों और छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए शुक्रवार रात जीएसटी में कई बदलाव किए। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी काउंसिल की दिनभर चली 22वीं बैठक के बाद दिवाली से पहले आम आदमी और छोटे कारोबारियों को गिफ्ट दिए हैं।

आइए डालते हैं बड़ी बातों पर नजर…

– रोटी, खाखरा, अनब्रैंडेड नमकीन और सूखा आम को 12 फीसदी टैक्स स्लैब्स के दायरे से हटा दिया गया है। अब इन पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा।

– चाइल्ड पैकेज्ड फूड और स्टेशनरी के सामानों पर भी अब कम टैक्स लगेगा। अभी तक इन पर 12 फीसदी टैक्स वसूला जा रहा था, जिसे घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।

– आने वाले दिनों में कपड़े भी सस्ते होंगे। कपड़ा बनाने के लिए उपयोग होने वाले मानव निर्मित धागे पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। सिन्थेटिक फिलामेंट यार्न पर भी टैक्स में इतनी ही कमी की गई है।

– जरी के काम और आर्टिफिशल जूलरी पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है।

– आयुर्वेदिक और होम्योपथी दवाएं सस्ती होंगी। इन पर 12 फीसदी की बजाय 5 फीसदी टैक्स वसूलने का फैसला किया गया है।

– संगमरमर और ग्रेनाइट को छोड़कर फर्श के बाकी पत्थर पर टैक्स को घटाकर 18 प्रतिशत की श्रेणी में रखा गया है।

– ई-कचरा, प्लास्टिक और रबर कचरा पर टैक्स घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।

– डीजल इंजन पुर्जों जीएसटी 28 से 18 फीसदी कर दी गई है। पंप पुर्जे के पुर्जे भी सस्ते होंगे।

– जीएसटी काउंसिल ने छोटे और मझोले उद्यमों को टैक्स भुगतान और रिटर्न दाखिल करने के मामले में बड़ी राहत दी है। सालाना 1.5 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों को हर महीने के बजाय अब तिमाही रिटर्न भरनी होगी। डेढ़ करोड़ रुपये तक कारोबार करने वाली कंपनियां जीएसटी में पंजीकृत कुल टैक्सपेयर्स आधार का 90 प्रतिशत है, लेकिन इनसे कुल कर का 5 से 6 प्रतिशत टैक्स ही प्राप्त होता है।

– जीएसटी काउंसिल ने कंपोजिशन योजना अपनाने वाली कंपनियों के लिए भी कारोबार की सीमा 75 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी। इस योजना के तहत एसएमई को कड़ी औपचारिकताओं से नहीं गुजरना पडता है और उन्हें 1 से 5 प्रतिशत के दायरे में टैक्स भुगतान की सुविधा दी गई है।

– वैश्विक नरमी के कारण परेशान निर्यातकों को जुलाई और अगस्त के दौरान किए गये टैक्स भुगतान की वापसी 18 अक्टूबर तक हो जाएगी। चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में वे नाममात्र 0.1 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर छूट वाली श्रेणी में काम करेंगे। एक अप्रैल से निर्यातकों को नकदी उपलब्ध कराने के लिए ई-वॉलेट सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

– जीएसटी परिषद ने रेस्तरां के लिए जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने के साथ एक राज्य से दूसरे राज्य में बिक्री करने वालों को कंपोजिशन योजना के दायरे में लाने के लिए विचार को लेकर मंत्री समूह का भी गठन किया है।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें