इरफ़ान शाहिद, न्यूज़ वन इंडिया। दीपावली में जैसा कि हम सब जानते है पटाखे तो खूब फोड़े ही जाते हैं साथ ही इससे लगभग एक हफ्ता पहले से और बाद तक एक खेल ऐसा होता है जो पुलिस वालों की बल्ले बल्ले करा ही देता है।उम्मीद है आप हमारे इशारे को भांप गए होंगे अगर नही तो आपको बता दें कि आजकल कुछ लोग सामूहिक रूप से इक्का बादशाह बेगम के खेल में काफी मसरूफ है इसको कोई शगुन का नाम देता है तो कोई दो के दस करने वाला कमाई का जरिया।
इसी पर पुलिसिया तन्त्र मुखबिर की मदद से कुछ स्थानों को चिन्हित कर वहां जा धमकता है फिर क्या दरी पर माल और चारो तरफ लोग फिर मामला होता है कि गिरफ्तारी हो या ले दे के सेटल किया जाए इसपर भी मुखबिर की भूमिका अहम रहती है वो दोनों पार्टियों को समझा बुझा कर एक ऐसी स्कीम बताता है जिससे जुआ भी जारी रहता है और पुलिस भी खाली हाथ नही जाती।
वो समझाता है कि जो माल ज़मीन पर है वो आपका बाकी को लगे रहने दो इस तरह पुलिस की दिवाली भी बेहतरीन और जुआ खेलने वाले भी बेखौफ।इन सब बातों का ज़िक्र हमने जो आपसे किया है ये आफ रिकार्ड ज़रूर है मगर बताया उसी ने है जिसने अपनी इस बात को सार्वजनिक करने में अपनी महानता समझी।
वैसे सूत्र की बात पर यकीन ना करने का कोई मतलब भी नही निकलता क्योंकि आज जुआ कहाँ कहाँ हो रहा है या होता है इसकी भनक आस पास के लोगों को तो लग ही जाती है और जुआरी भी इसे शगुन का नाम देकर पुलिस को प्रसाद चखा कर अपना कर्तव्य निभाने में लगा है।