लखनऊ,दीपक ठाकुर।नवरात्रि के चौथे दिन जिनकी पूजा अर्चना होती है वो है माँ दुर्गा के चौथे स्वरूप की जिनका नाम कूष्माण्डा है ब्रह्माण्ड से उत्पन्न होने के कारण इन्हें कुष्मांडा नाम दिया गया है जिस कारण ये सृष्टि की आदि स्वरुपा आदि शक्ति भी हैं। माँ कूष्माण्डा की उपासना से समस्त रोग और दुःख नष्ट हो जाते हैं अष्टभुजा नाम से भी यही देवी प्रख्यात हैं इन्हीं की महिमा का गुणगान आज पूरा देश कर रहा है हमारे उत्तर प्रदेश में भी सभी मंदिर में माँ की महिमा का बखान भजन के माध्यम से किया जाता है इसी श्रंखला में ठाकुर गंज स्थित माँ पूर्वी देवी मंदिर में भी भजन संध्या का आयोजन हुआ जिसमें महिला पुरुष बच्चे सभी शामिल होकर माता के गुणगान करते नज़र आये।
महिला समिति की तरफ से माता की भक्तिमय भेंटों ने ऐसा समा बांध दिया मनो साक्षात देवी माँ प्रकट हो गई हो भजन की शुरुआत होने से पहले ही सभी भक्त गान माता के दरबार पहुँचने लगे और सुन्दर आभूषणों से सुसज्जित माता के दर्शन को उतारू दिखे मंदिर में जो सजावट की गई वो भी देखने योग्य थी फूलों की लंबी कतारें और 151 सीता फल से पूरा मंदिर परिसर एक आलौकिक छटा बिखेरता नज़र आ रहा था।
भजन गाते वक़्त महिला भक्तों की भक्ति देखते ही बन रही थी श्रीमती मंजू शुक्ला की दमदार मीठी आवाज़ ने सबको मन्त्र मुग्ध कर दिया था। माँ की महिमा के भजन का जादू ही कुछ ऐसा होता है कि जो सुन ले वो बिना गुनगुनाये नहीं रह पाता।
पूर्वी देवी मंदिर में आज के दिन ख़ास तौर पर सीता फल की जो सजावट की गई उसके लिए मंदिर समिति का हर सदस्य तारीफ़ का पात्र है। जो इस मंदिर के अनुशासन और संर्तिप भाव से साफ़ नज़र आता है। वाकई माँ की महिमा का गुणगान अगर सच्चे दिल से सुनना और करना आप भी चाहते है तो माँ पूर्वी देवी मंदिर ज़रूर आइयेगा मुझे तो ऐसा ही लगता है।