सत्ता और सरकारें बनती-बिगड़ती रहती हैं, पद आते-जाते रहते हैं पर इतिहास और रिकार्ड कोई-कोई बना पाता है। देश मे महज 23 महीने में बना 302 किलोमीटर लम्बा 6 लेन “लखनऊ -आगरा एक्सप्रेस वे” एक ऐतिहासिक कीर्ति और कीर्तिमान है जो युवा समाजवादी नेता श्री अखिलेश यादव जी के नाम इतिहास के पन्नो में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो चुका है।
लम्बे समय पूर्व कोलकाता से पेशावर तक जीटी रोड का निर्माण कराके शेरशाह सूरी ने अपना नाम देश के सुलायक सुल्तानों में दर्ज करा लिया था।आवागमन एवं ब्यापार के लिए यह जीटी रोड तत्कालीन समय मे मील का पत्थर साबित हुआ था। हम इस जीटी रोड के कारण शेरशाह सूरी को पढ़ते और पढ़ाते हैं तथा बड़े अदब के साथ शेरशाह सूरी का नाम लेते हैं। ठीक ऐसे ही यूपी के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव जी ने मुख्यमंत्री बन जो मील के पत्थर गाड़े हैं उन्हें शायद ही कोई मुख्यमंत्री उखाड़ पाए जिसमें से यह एक्सप्रेस वे भी एक है।
लखनऊ से आगरा के बीच यह एक्सप्रेस वे जिन इलाकों से गुजर रहा है वह बिलकुल बीहड़ और बबूल के जंगलों वाला है। अखिलेश यादव जी ने इस सड़क के लिए इस अनुपजाऊ भूमि को अधिग्रहित कर जहाँ उन किसानों को मालामाल बना दिया है जो बबूल के पेड़ों के मालिक थे वहीं इस बीहड़ इलाके को देश से ऐसे जोड़ दिया है जैसे कोई भारत के बाहर का इलाका हो। यहां इस सड़क के बन जाने से किसानों को समृद्धि मिली है वहीं इस इलाके के औद्योगिकरण का चार्म बढ़ गया है।गंगा का यह इलाका जो बबूल और गंगा के पानी से परिपूर्ण रहने वाला था इस अत्याधुनिक एक्सप्रेस वे के बन जाने से तरक्की से लहलहाने को आकुल-ब्याकुल दिखने लगा है।
एक पौराणिक पात्र भगीरथ का जिक्र आता है जिसने अपने पुरखों को तारने के लिए गंगा को इस धरती पर उतारा था। इस भगीरथ की सच्चाई का तो अनुमान नही है पर वर्तमान समय मे इटावा में जन्मा यह आधुनिक भगीरथ- “अखिलेश यादव” गंगा के इस इलाके में दुनिया के श्रेष्ठतम सड़को में से पहले भारतीय सड़क “लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे” का निर्माण करा के अपना नाम भारतीय इतिहास के पन्नो में दर्ज करा लिया है। यह एक्सप्रेस वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक नए विहान और इंतजाम का आगाज करेगा,ऐसा मेरा निश्चित मत है।
सोशलिस्ट फैक्टर के सम्पादक श्री फ्रैंक हुजूर जी,अपने छोटे भाई श्री डॉ प्रमोद यादव जी एवं श्री रामप्यारे यादव प्रधान जी के साथ इस एक्सप्रेस वे पर यात्रा करते हुए मन अजीब तरह के रोमांच से भर उठा। इस सड़क पर चलने पर लगा कि हम भारत मे नही वरन दुनिया के किसी विकसित देश की सड़क पर चल रहे हैं।अत्याधुनिक सोच के धनी,तरक्कीपसंद एवं इस इंजीनियर भगीरथ- “अखिलेश यादव” की सोच,समझ और कार्यक्षमता को इंकलाबी सलाम है कि उन्होंने देश मे पहला शानदार एक्सप्रेस वे बनाया जो रिकार्ड समय मे बना और लड़ाकू सुखोई व जगुआर विमानों को लैंड कराके अपनी गुणवत्ता व क्षमता को प्रदर्शित कर इतिहास रचा। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के जरिये इतिहास के पन्नो में खुद को भगीरथ व शेरशाह सूरी की तरह अंकित होने वाले युवा सोशलिस्ट श्री अखिलेश यादव जी अभिनंदन है आपका।