शरद मिश्रा”शरद”
मोहम्म्दी खीरी:NOI- भारत की प्राचीन धनुर्विद्या से लोगो को परिचित कराने के लिए सामाजिक संगठन ” राष्ट्र रक्षक दल ”के द्वारा धनुर्विद्या vप्रदर्शन का आयोजन किया गया ,नगर के संतोषी माता मंदिर प्रान्गण मे लखनऊ से आए धनुर्विद्या मे परान्गत व राज्यपाल सेअर्जुन सम्मान प्राप्त पं नेम प्रकाश शर्मा ने धनुर्विद्या से छोडे गऐ तीरों की गतियों का विस्तार से प्रदर्शन किया और धनुर्विद्या की तकनीकी बारीकीयोँका भी वर्णन किया धनुर्विद्या प्रदर्शन कार्यक्रम का शुभारम्भ व समापन की घोषणा राष्ट्र रक्षक दल के संस्थापक व अध्यक्ष बी एल द्विवेदी द्वारा की गई,इसअवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए बी एल द्विवेदी ने कहा – धनुर्विद्या ही एक ऐसा खेल है जिसमे विद्या शब्द जुडा है यह कला हमारे देश की प्राचीन संस्क्रति की विरासत है इससे धनअर्जित भले न हो लेकिन अपने भारत की इसकी वजह सेअलग पहचान है
, अथर्वेद का उपदेश धनुर्वेद है इसमे धनुष से छोडे गए तीर की दस गतियोँ का विस्तार से उल्लेख मिलता है धनुर्विद्या की उत्पत्ति का समय व स्थान निश्चित तौर पर भले न मालूम हो पर एतिहासिक सुत्रों के अनुसार यह विद्या भारत से ही यूनान और अरब देशों मे पहुची थी , इस मौके पर जगदीश चन्द् गुप्ता ,डा.श्याम नारायण शुक्ला ,राधेश्याम शर्मा ,उदितशर्मा शिवम राठौर ,अमित सिंह कुशवाहा ,सुमित शुक्ला ,देवशरण अवस्थी , अवनीश श्रीवास्तव , विमल कुमार,महेश श्रीवास्तव ,शिवेन्द्र सिंह ,राम प्रताप ,प्रशांत सिंह ,धीरेन्द्र शुक्ला ,गोपेश मिश्रा साहित धनुर्विद्या के सैकडो प्रेमी लोग उपस्थित रहे।