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Monday, January 20, 2025

​नई वैक्सीन पीसीवी के सम्बन्ध में मीडिया कार्यशाला सम्पन्न,

बहराइच(अब्दुल अजीज):NOI उत्तर प्रदेश में एक नई वैक्सीन के बारे में अधिक जानकारी दिये जाने के उद्देश्य से लेजर रिसोर्ट टिकोरा मोड़ बहराइच में एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें बहराइच, श्रावस्ती एवं बलरामपुर जनपद के प्रमुख मीडिया प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला मुख्य उद्देश्य था कि उत्तर प्रदेश में निमोनिया से बचाव के लिए न्यूमोकोकल कानजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) के बारे में मीडिया प्रतिनिधियों को कार्यशाला के माध्यम से पुरी जानकारी प्रदान की जाय ताकि वह अपने लेखनी के माध्यम से आमजन को इस वैक्सीन के बारे में जागरूक कर सकें। 
कार्यशाला के दौरान मीडिया प्रतिनिधियों को बताया गया कि उत्तर प्रदेश के 06 जिलों में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में न्यूमोकोकल कानजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) को साम्मिलित किया जा रहा है। न्यूमोकोकल वैक्टीरिया से होने वाले निमोनिया और अन्य बीमारियों से बचाव के लिए यह टीका पुरी तरह सुरक्षित एवं प्रभावी है। प्रथम चरण में प्रदेश के 06 चुने हुए जनपदों में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में विगत 10 जून से इस वैक्सीन को शामिल कर लिया गया है। 
कार्यशाला के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अरूण लाल ने बताया कि राज्य सरकार बच्चों को जान लेवा बीमारियों से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा इस टीके को सभी बच्चों के लिए निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है। देश में पहले यह मंहगा टीका केवल प्राइवेट तौर पर ही उपलब्ध था। नियमित टीकाकरण में पीसीवी लगेगा दो प्राइमरी टीके क्रमशः 06 हफ्ते व 14 हफ्ते की आयु पर और बूस्टर टीका 09 माह की आयु पर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि 139 देशों ने पीसीवी को अपने टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल कर लिया है। पीसीवी को टीकाकरण में शामिल करने का सुझाव विश्व स्वास्थ्य संगठन और राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श दाता समूह द्वारा दिया गया था। 
कार्यशाला का संचालन करते हुए यूनीसेफ के प्रतिनिधि डा. निर्मल सिंह ने बताया कि यह जीवन रक्षक टीका न केवल बच्चों को स्वस्थ्य रखेगा बल्कि निमोनिया के कारण होने वाले अस्पताल एवं दवाओं के खर्च को बचायेगा। पीसीवी बच्चों को न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से होने वाले निमोनिया और दिमागी बुखार (बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस) एवं अन्य बीमारियों से बचाता है। विश्व में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का प्रमुख कारणों में से एक निमोनिया है, 2010 के आकड़ों के अनुसार विश्व में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की निमोनिया सम्बन्धित लगभग 20 प्रतिशत मृत्यु भारत में होती है। भारत में पांच वर्ष तक के बच्चों में 16 प्रतिशत गम्भीर निमोनिया का कारण न्यूमोकोकल निमोनिया ही है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया के कारण होने वाली मृत्यु मंे से 30 प्रतिशत न्यूमोकोकल निमोनिया से होती है। न्यूमोकोकल कानजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) प्रदेश में इस बीमारी के बोझ को कम करेगी। 


उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में न्यूमोकोकल कानजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) उत्तर प्रदेश के 06 जनपदों बलरामपुर, बहराइच, खीरी, सीतापुर, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती में टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल की जा रही है। पहले चरण में उत्तर प्रदेश के चिन्हित जनपदों के साथ-साथ बिहार और हिमाचल प्रदेश में और अगले साल राजस्थान और मध्य प्रदेश में पीसीवी शामिल किया जायेगा। इसी प्रकार भविष्य में देश के अन्य राज्यों में क्रमवार कई चरणों में शुरूआत कर न्यूमोकोकल कानजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) को शामिल किया जायेगा। 
कार्यशाला को एसआरटीएल स्वास्थ्य संगठन डा. आरती सिंह, सीएमओ बलरामपुर डा. जीएस सिंह, प्रभारी चिकित्साधिकारी श्रावस्ती, यूनिसेफ की मीडिया कन्सलटेन्ट प्रीति एम शाह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अजीत चन्द्रा व अन्य लोगों ने सम्बोधित करते हुए इस नई वैक्सीन के खूबियों के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार करें ताकि आमजन में किसी प्रकार की भ्रान्तियां न रहे।
इस अवसर पर डीपीएम डा. आरबी यादव, एसएमओ डा. प्राग राठौर, डिप्टी सीएमओ डा. अनिल कुमार, डा. पीके बांदिल, डा. योग्यता जैन और यूनिसेफ के संतोष, डीसीपीएम मो. रासिद सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

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