लखनऊ, दीपक ठाकुर। लखनऊ नगर निगम हर बार सुर्खी में बने रहने का कोई ना कोई बहाना ढूंढ ही लेता है बस कारण एक ही होता है वो ये नगर निगम कभी अपने काम को सही ढंग से अंजाम तक नहीं ले जाता।
इस बार नगर निगम जिस वजह से सुर्खी में आया है वो जानकार आप भी थोड़े बहुत चिंतित ज़रूर हो जायेंगे की आखिर नगर निगम इतना लापरवाह कैसे हो सकता है वो भी किसी की रोज़ी रोटी को लेकर।
हम बात कर रहे हैं नगर निगम के उन इम्प्लाइयों की जिन्होंने 60 साल तक अपने काम को बखूबी अंजाम दे कर विभाग की जी जान से सेवा की पर जब वही इम्प्लॉई रिटायर हो गया तो नगर निगम को जैसे उसके प्रति सांप ही सूंघ गया हो ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि जो उनकी पेंशन महीने के शुरुआत में देनी चाहिए नगर निगम वो पेंशन महीना दर महीना बीत जाने तक देना गवारा नहीं समझता बैंको में बुज़ुर्ग चक्कर काट काट कर परेशान होते है तो वहां टका सा जवाब ये मिलता है कि विभाग से नहीं आई विभाग जाते हैं तो बताया जाता है कि अभी फण्ड ही नहीं है होगा तब भेज देंगे इसी तरह हर बार लेट सपेट बुजर्गों को पेंशन मिलती चली आ रही है।
पर अब जब फरवरी माह समाप्त हो चुका और होली का पर्व आने को है पर उन पेंशनरों को पैसों के संकट का सामना करना पड़ रहा है कारण वही की अभी तक फरवरी की पेंशन नहीं आई तो मार्च की तो सोचिये भी मत अब ऐसे में पेंशन से गुज़ारा करने वाले बुज़ुर्ग पेंशनर किस तरह अपना गुज़ारा कर रहे होंगे आप समझ ही सकते हैं।
कमाल है नोटबंदी के बाद तो बड़े बड़े दावे किए गए की हर विभाग में भारी मात्रा में धन जमा हुए तो वो कहाँ गया ये बड़ा सवाल है और दूसरी बात वो ये की जिन्होंने अपनी ज़िन्दगी के अहम् पल जिस विभाग को समर्पित कर दिए वो विभाग कितनी संवेदनहीनता पर उतर आया है कि उनके जीवकोपार्जन पर ही संकट खड़ा कर दे रहा है ।
विभाग के प्रशासन को इस बारे में जानकारी ना हो ऐसा संभव नहीं है पर उनकी पेंशनरों के प्रति ये रवैया बड़ा हैरान करता है उन सभी को भी जो उस विभाग से रिटायर होने की कगार पर हैं जागो नगर निगम जागो कोई तो ऐसा काम करो जब आपको कोई अच्छे काम के लिए याद किया जा सके शहर की सफाई का ना सही अपने पुराने मुलाजीमो की तो सुध रखो ताकि वो अपनी बची ज़िन्दगी चैन से जी सके और हर त्यौहार में आनंदित हो सके।