अमृतसर(महेन्द्र): विगत विधानसभा चुनावों के दौरान यह कहा जा रहा था कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अपनी राजनीति की आखिरी पारी खेलने जा रहे हैं, जिसके तहत उन्हें राष्ट्रीय कांग्रेस ने सी.एम. का उम्मीदवार पहले से ही घोषित कर दिया था। हालांकि उन दिनों पूर्व क्रिकेटर एवं भाजपा के पूर्व स्टार प्रचारक रहे नवजोत सिंह सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने पर उन्हें पंजाब के सी.एम. उम्मीदवार बनाए जाने की भी अटकलें लगती रही थीं। ऐसी भी चर्चा रही थी कि समय आने पर सिद्धू को सी.एम. बनाया जा सकता है लेकिन कुछ दिनों से जिस तरह से कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के पंजाब के हित के लिए दूसरी पारी भी खेलने संबंधी बयानबाजी शुरू हो गई है, उसे देख आने वाले समय में प्रदेश कांग्रेस में कुछ हलचल भी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की दूसरी पारी खेलने संबंधी बयानबाजी प्रदेश कांग्रेस पर कहीं न कहीं भारी भी पड़ सकती है।
सिद्धू की सक्रियता पर चोट करने की हो रही हैं साजिशें! : विगत विधानसभा चुनावों से पहले चर्चा रही थी कि पंजाब का सी.एम. उम्मीदवार घोषित करने की शर्त पर ही सिद्धू कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान यह फैसला लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी। हाईकमान इस फैसले को कहीं न कहीं जोखिम भरा मान रही थी, क्योंकि ऐसे फैसले से प्रदेश कांग्रेस के टूटने का अंदेशा हो रहा था। यही कारण था कि सिद्धू को फिलहाल सी.एम. के पश्चात स्थानीय निकाय विभाग का मंत्रालय सौंपकर एक तरह से बड़ी राजनीतिक शक्ति देते हुए मना लिया गया था।इससे सिद्धू ने शुरू-शुरू में अपनी राजनीतिक सक्रियता इस कदर दिखानी शुरू कर दी थी जिस कारण पुराने नेता तथा कई बार विधानसभा चुनाव जीत चुके कांग्रेस पार्टी के विधायक सिद्धू के आगे खुद को कहीं न कहीं कमजोर महसूस कर रहे हैं, जो सिद्धू को और मजबूत होते नहीं देखना चाहते। यही कारण है कि ऊपर से नीचे तक कांग्रेस पार्टी के कई शीर्ष नेता अंदरखाते सिद्धू की सक्रियता को कमजोर करने के लिए ऐसी साजिशें रच रहे हैं, जिससे लगे कि सिद्धू को सी.एम. बनाने से कांग्रेस बिखर सकती है।
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निगम की विवादित नई वार्डबंदी से कांग्रेसी भी दिख रहे नाखुश
पंजाब में होने जा रहे निगम चुनावों को लेकर निगम की नई वार्डबंदी को लेकर जहां विरोधी पार्टियां कई प्रकार के ऐतराज व्यक्त करते हुए इसका कड़ा विरोध कर रही हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता एवं पार्टी वर्कर भी अंदरखाते नाखुश दिखाई दे रहे हैं लेकिन हालत यह है कि वे खुलकर कुछ बोल नहीं पा रहें हैं। कइयों को तो यह डर सता रहा है कि सिद्धू अपने उन चहेतों को चुनावी टिकट जारी करवा सकते हैं, जिन्हें वे भाजपा से अपने साथ लेकर आए हुए हैं। यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी के अधिकांश वर्कर मौजूदा स्थिति में सिद्धू से दूर होते जा रहे हैं।
सिद्धू के सी.एम. बनने का टूट सकता है सपना!
विगत विधानसभा चुनावों के दौरान यह चर्चा जोरों पर रही थी कि कैप्टन के पश्चात सिद्धू को किसी भी समय पंजाब का सी.एम. बनाया जा सकता है। जानकारी के अनुसार सिद्धू को कांग्रेस में शामिल करते समय उन्हें राहुल गांधी की तरफ से कुछ ऐसा ही लुभावना वायदा किया गया था लेकिन समय गुजरने के पश्चात उनके साथ किया गया यह लुभावना वायदा कहीं न कहीं कमजोर पड़ता दिखाई देने लगा है, जिस तरह से कुछ दिनों से कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा राजनीति की दूसरी पारी खेलने की बयानबाजी शुरू हुई है, उसे देख तो यही लगता है कि सिद्धू का सी.एम. बनने का सपना कहीं न कहीं टूट भी सकता है।