अहमदाबाद
गुजरात के गजेट ऑफिस ने बिना कोई वजह बताए अहमदाबाद निवासी ऑटोरिक्शा ड्राइवर की नाम बदलने की अपील खारिज कर दी। ऑटोरिक्शा ड्राइवर राजवीर उपाध्याय (34) अपना नाम बदलकर RV155677820 करना चाहते हैं। उन्होंने 2015 में अपना धर्म त्याग दिया था और तभी से अपना नाम सरकारी दस्तावेजों में बदलने का प्रयास कर रहे हैं।
राजवीर अब अपना नाम बदलकर RV155677820 करना चाहते हैं- जो राजवीर का शॉर्ट और आगे संख्या उनके स्कूल सर्टिफिकेट का इनरॉलमेंट नंबर है। उन्होंने पिछले साल मई में अहमदाबाद जिला कलेक्ट्रेट में अपना नाम बदलने के लिए ऐप्लीकेशन फाइल की थी। इसके बाद उन्हें गजेट ऑफिस में प्रिंटिंग और स्टेशरी विभाग से संपर्क करने के लिए कहा गया था जहां उन्होंने पिछले साल आवेदन किया था। इसके जवाब में उन्हें बताया गया कि उनकी इच्छानुसार नया नाम प्रकाशित नहीं हो सकता।
‘मेरी पहचान धर्म और जाति तक सीमित न हो’
राजवीर अब हाई कोर्ट का रुख करना चाहते हैं और गुजरात के फ्रीडम ऑफ रिलिजन ऐक्ट को चुनौती देंगे। उनके अनुसार इस ऐक्ट में नास्तिकता स्वीकार करने का प्रावधान नहीं है। राजवीर उपाध्याय अनुसूचित जाति गुरु-ब्राह्मण से संबंध रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं तर्कवादी और धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हूं और भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। देश के कानून को मुझे नास्तिक के रूप में पहचाने जाने का अधिकार देना चाहिए। अगर मैं अपना नाम और सरनेम लिखता हूं तो लोग मेरा धर्म और जाति जान जाएंगे लेकिन मैं नहीं चाहता हूं कि मेरी पहचान को धर्म और जाति तक सीमित कर दिया जाए।’
राजवीर ने बताया कि वह नास्तिकता को स्वीकारने और अपना नाम बदलने के लिए गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। उन्होंने बताया, ‘मैं याचिका दायर करने से पहले वकीलों से परामर्श कर रहा हूं। इसके बाद मैं ऐक्ट को कोर्ट में चुनौती दूंगा जो सिर्फ एक धर्म से दूसरे धर्म में रूपांतरण को स्वीकार करता है।’