दीपकठाकुर, न्यूज़ वन इंडिया। काफी इंतज़ार के बाद निकाय चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ होते दिखाई दिया जिसके बाद से मतदाताओं का सूची में नाम डालने और हटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई।इस बार नगर निगम से जो लिस्ट लेकर बीएलओ अपने अपने क्षेत्र में जा रहे हैं उनको नाम पता तलाशने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है यही परेशानी उन मतदाताओं के साथ भी आ रही है जो वोट देने के तो अधिकारी हैं पर लिस्ट से उनका ही नही उनके पूरे परिवार का नाम ही नदारद है।
पुराने लखनऊ के ठकुरगंज और अमीनाबाद क्षेत्र से हमारे पर कई ऐसी जानकारी आई है जिससे ये साफ तौर पर स्पष्ट होता है कि लिस्ट में जान बूझकर गड़बड़ियां की जाती रही है अगर ऐसा ना होता तो किसी किसी के घर का पत्ता ही ना साफ हुआ होता।हमने खुद बीएलओ की एक लिस्ट देखी जिसमे कई मकानों का अतापता ही नही था जबकि मकान वर्षो से वहां खड़ा है ये देखकर बीएलओ को भी पसीना आने लगा कि लिस्ट में कितना और क्या क्या सही किया जाए।
आपको बतादें के निकाय चुनाव के लिए सूची में संशोधन का काम जारी है आपके क्षेत्र का बीएलओ आपके घर किसी भी वक़्त नगर निगम की सूची के साथ आ सकता है तो सूची में नाम ना देखकर निराश होने की ज़रूरत नही है क्योंकि लिस्ट में जिसका नाम नही है उसकी जानकारी उसके आधारकार्ड के साथ बीएलओ को स्पष्ट करा दें जिससे आपका भी नाम निकाय चुनाव की सूची में शामिल कर लिया जाएगा।
वैसे देखा यही गया है कि निकाय चुनाव में तूती उसी की बोलती है जिसकी सत्ता होती है उसी से सारा सिस्टम खराब भी कर दिया जाता है कंडीडेट अपने हिसाब से सूची में नाम रखवाता और हटवा भी देता है।पर इस बार नामावली में संशोधन की जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उससे यही लगता है कि इस बार हर वो व्यक्ति मताधिकार का प्रयोग कर पायेगा जो योग्य है।