लखनऊ,इरफान शाहिद। अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना उन अभिभावकों पर भारी पड़ रहा है जो निजी स्कूल का सहारा ले रहे है ये स्कूल अपने पास से ही सारी सुविधाएं देने के नाम पर अभिभावकों से मन चाहा दाम वसूल रहे है मजबूरी वश अभिभावकों को सब सहन करना पड़ रहा है कारण यही है कि अच्छी शिक्षा प्रदान करने का दावा यही निजी स्कूल करते हैं क्योंकि सरकारी स्कूल सभी जानते हैं राम भरोसे ही चलता है।
आजकल निजी स्कूल पर अंकुश लगाने और शैक्षिक लूट को बंद किये जाने की मांग तेज़ होती जा रही है उसका कारण ये है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ से निराश लोगों को काफी उम्मीदें है। यही कारण है कि योगी आदित्यनाथ ने सरकारी स्कूलों को सही ढंग से काम करने की नसीहत दी है।
अब बात आती है कि निजी स्कूल क्यों अपनी मनमानी बंद नही कर रहे या करना नही चाहते वजह जो हमारी समझ मे आ रही है वो ये कि इन स्कूलों का मैनेजमेंट सरकारी तंत्र में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से जुड़ा रहता है वो ये बात अच्छे से जानता है कि अभिभावक लाख माथा पटके उनकी सेहत पे कुछ असर नही पड़ने वाला।
आप ही बताइये बड़े बड़े लोगों के बच्चे जहां अच्छी शिक्षा पा रहे हो उनके काम मे भला दखलंदाजी वही लोग क्यों करेंगे क्या किसी सरकारी स्कूल में किसी नेता या अधिकारी का बच्चा पढ़ता है नही तो फिर ऐसी उम्मीद क्यों लगाई जाए कि निजी स्कूल अपना रवैया बदलेंगे जब सब उनके फेवर में खड़े है।
उनका कोई प्रोग्राम हो फलां मंत्री या नेता पहले पहुंच जाएगा और सिर्फ़ जाएगा ही नही बल्कि उस स्कूल की जी खोल के तारीफ भी करेगा साथ ही कुछ ना कुछ आश्वासन भी दे आएगा तो ऐसे में उनपर नकेल कसी जाएगी ये आप अपने दिमाग से निकाल ही दीजिये।
अब बात आती है कि इस समस्या का हल आखिर है तो है क्या क्या कोई रास्ता है जो अभिभावकों को निजी स्कूल की लूट से बचा सकता है तो जवाब है फिलहाल हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्योंकि उनका दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति ही इस लूट पर अंकुश लगा सकती है पर उसके लिए योगी जी को भी कुछ कठोर निर्णय लेने होंगे जिससे ऐसे लूट खसोट वाले निजी स्कूल का बहिष्कार तक किया जाए उनके किसी कार्यक्रम में कोई सरकारी सुविधा या नेता मंत्री ना जाये जब तक ये स्कूल अभिभावकों का शोषण ना बंद कर दें तब तक उनकी उपेक्षा की जाए तभी कुछ संभव है नही तो जो चल रहा है चलने दीजिये किसी का क्या जाता है।