लखनऊ,न्यूज़ वन इंडिया-दीपक ठाकुर। गुजरात चुनाव में भाजपा ने भले ही जीत हासिल कर ली हो भले ही उस जीत पर खूब जश्न भी मनाया जा रहा हो मगर एक संकेत भाजपा के लिए चिंता का कारण ज़रूर बन सकता है और वो है 99 का चक्कर जिसने बड़े बड़ों को अपने चक्कर मे डाल कर पटकनी दे दी है।
क्रिकेट में ये बात सभी जानते है कि 99 पर बैटिंग करना कितना रिस्की होता है और अब राजनीती में ये अंक भाजपा के लिए आगामी लोक सभा चुनाव में क्या संकेत ले कर आया है ये कहना आसान नही होगा।जिसका एक कारण ये है कि जिस तरह गुजरात चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेहनत और सेंटिमेंटल भाषणों से भाजपा जीत पाई है उसमें जनता आगामी चुनाव में आएगी या नही ये देखने वाली बात होगी।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव से पहले जीत का जो आंकड़ा बताया था भाजपा उस आंकड़े से काफी दूर ही रही।दूर तो दूर शुरुआती रुझान ने तो कांग्रेस को जश्न मनाने तक का मौका दे डाला।
हालांकि भाजपा ने गुजरात मे जीत ज़रूर हासिल की है जो सत्य भी है डगर कठिन होगी इसका अनुमान उसको भी नही रहा होगा पर जीत तो जीत ही होती है।पर जश्न के बाद आत्ममंथन भी ज़रूरी है भाजपा के लिए और प्रधानमंत्री जी के लिए भी ज़रूरत है कारण तलाशने की कि क्या वजह है जो उनके हिसाब से अच्छा करने के बाद भी रिजल्ट उतना अच्छा नही आ रहा।ये भी सोचना पड़ेगा कि उनकी नीतियों से आम जनता को लाभ मिल रहा है या नही क्या जनता उनके हर फैसले से खुश है भी या नही इन तमाम बातों को ध्यान में रखकर लोक सभा की तैयारी की जाए तो भाजपा के लिए बेहतर साबित हो सकता है नही तो भाजपा को गुजरात मे मिला मज़बूत विपक्ष उनके लिए खतरे की घण्टी ज़रूर साबित हो सकता है क्योंकि जीत का ये आंकड़ा उतना शुभ नही माना जाता।