लखनऊ, दीपक ठाकुर। उत्तर प्रदेश के तीसरे चरण के मतदान के दौरान तक़रीबन हर बूथ पर लोगों की ऐसी ही भीड़ जुटी जो अपना नाम खोजने के लिए संघर्ष कर रहे थे। पर्ची ना मिलने से निराश लोगों ने सीधे बूथ की ओर रुख किया पर वहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
निर्वाचन आयोग चुनाव से पहले मतदाता सूची की पूरी तैयारी करने का दावा करता है हर क्षेत्र में बी एल ओ की की नियुक्ति होती है जिसपर ये ज़िम्मेवारी होती है कि हर मतदाता की पहचान कर उनको पर्चा दे या जिसकी जो समस्या है वो दूर करे पर बी एल ओ के इसी काम में लापरवाही कही जाए जो ऐसी समस्याओं को उत्पन्न करती है।
ये होता क्यों है ये भी जानना ज़रूरी है जहाँ तक हमारी जानकारी है कि बी एल ओ स्थानीय नेता या उनके समर्थक से सीधे संपर्क में होता है उसी के हिसाब से मतदाता सूची में नाम की कटाई छटाई की जाती है यही कारण मना जा रहा है कि कई लोग अपने मताधिकार से वंचित रह जाते है।
ये हमारे लोकतंत्र का एक विशेष काम है इसको संजीदगी से लेने की आवश्यकता है चुनावी प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची में किसी प्रकार की दिक्कत ना आये इसके लिए बड़े स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है हम मतदान करने के लिए तो मतदाताओं से आवाहन करने में कोई कोताही नहीं करते पर उनकी समस्या के प्रति हम ज़रा भी गंभीर भी नज़र नहीं आते ऐसा क्यों है ये एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब जल्द तलाशने की आवश्यकता है।