बिहार में महागठबंधन तो ध्वस्त हो गया लेकिन अब भी जदयू पुरे मन से बीजेपी का समर्थन नहीं कर रहे है. नीतीश कुमार के दांव से कई नेता खुद को असहज महसूस कर रहे है लेकिन खुल कल कोई भी आवाज उठाने से डर रहा है. इस बीच जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि वे खुद को असहज महसूस कर रहे हैं. उनके इस बात पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि हम उन्हें राजद में आने का न्यौता देते हैं. वे हमारे साथ आ जाये. हम सब मिलकर देश से भाजपा को भगाने का काम करेंगे.
महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने से खफा शरद यादव को लालू प्रसाद ने यूपीए में शामिल होने का न्योता दिया है. लालू ने शरद को खुला ऑफर देते हुए कहा कि आइए दोनों भाई मिलकर सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ नई लड़ाई की शुरुआत करें. बताया जाता है कि सियासी दुविधा के बीच अपनी राजनीतिक राह को लेकर शरद विपक्षी दलों के नेताओं से चर्चा कर रहे हैं. इस क्रम में पूर्व जदयू अध्यक्ष ने शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से लंबी बात की.
विपक्षी नेताओं के सूत्रों का कहना है कि आजाद और येचुरी से हुई वार्ताओं में शरद ने महागठबंधन को अचानक तोडऩे और भाजपा से हाथ मिलाने के नीतीश के फैसले से असहमति जताई. हालांकि अपनी राजनीतिक मजबूरियों की वजह से शरद फिलहाल नीतीश के पाला बदलने के फैसले पर सीधे सवाल नहीं उठा रहे हैं. मगर जदयू के अंदर एक धड़ा मुख्यमंत्री के भाजपा से हाथ मिलाने के फैसले से असहमत है और शरद यादव के साथ हैं.