शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI- देश के नागरिक देश की बदहाल स्थित को सुधारने के लिए अपने अपने क्षेत्रों में अलग अलग नेता चुनते है और नेताओं से यह कयास लगाते है कि ये हमारे पिछड़े क्षेत्र को सुधार कर आगे बढ़ाएंगे मगर हकीकत कुछ और ही होती है क्योंकि जब चुनाव आता है तो नेता अलग अलग मुद्दों के साथ अपने अपने रणभूमि में उतरते है और क्षेत्र में विकास को लेकर अलग अलग वादे करते है मगर जब नेता जी चुनाव जीत जाते है तो अपने द्वारा किये गए वादों को तो भूल ही जाते है साथ मे अपनी भोली भाली जनता को भी नही पहचानते है।
अपनी दुर्दशा व विवस्ता के साथ कई बड़ी समस्यों को देख अंशू बहा रहा एक ऐसा क्षेत्र जहां नेता जी कई मुद्दों के साथ चुनाव तो जीत जाते है पर उन मुद्दों व वादों की तरफ एक बार भी मुड़ कर नही देखते।
हम बात कर रहे जनपद लखीमपुर खीरी के तहसील निघासन की जो आज भी कई चुनावी मुद्दों व नेताओ के झूठे वादों से घिरा हुआ है आज हम निघासन की सबसे बड़ी समस्याओ से रूबरू कराते है।
1.अभी तक नही मिल सका नगर पंचायत का दर्जा
तहसील निघासन जनपद लखीमपुर खीरी की सबसे पुरानी तहसील होने के बावजूद भी आज तक उसे नगर पंचायत का दर्जा न मिल सका बल्कि जो तहसील क्षेत्र पहले निघासन तहसील में थे वो आज सड़कों की शोभायमान लाइटों के साथ नगर पंचायत का दर्जा पा चुके है।
2. पचपेड़ी घाट पुल बन गया नेताओ का चुनावी मुद्दा
तहसील निघासन से लखीमपुर खीरी की दूरी को कम करने वाला सार्टकट मार्ग जो बाढ़ के समय बंद हो जाता है जिस वजह से इस मार्ग पे एक पुल की मांग क्षेत्र के लोग काफी समय से कर रहे है और इस भोली भाली जनता को चुनावों के समय मे हर नेता इसी मुद्दे को लेकर जनता को बेवकूफ बना कर उनकी वोटों को समेट ले जाता है और भोली भाली जनता अपनी लाचारी और विवस्ता को देख खाली हाथ खड़ी होकर अगले चुनाव का इंतजार करती है।
3. नही बन सका निघासन से ढखेरवा मार्ग
अपनी जर्जर हालत को देख ढखेरवा मार्ग खुद लोगों से जरा संभल कर चलने को कहता है क्योंकि इस मार्ग में ऐसे बड़े बड़े गड्ढे है जो आये दिन किसी बड़े हादसे को दावत देते नजर आते है इस मार्ग को लेकर भी क्षेत्रवासियों ने शासन प्रशासन को अवगत कराया मगर आज तक किसी ने भी मुड़ कर नही देखा।
4. नालियों में लगा रहता है गंदगी का अंबार
गांवों की नालियों को देख कर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के सफाई कर्मी कितने मजे में रहते हुए सरकारी रुपयों से अपनी जेमे गर्म करते है क्योंकि नालियों में बहता हुआ पानी सड़कों पर जमा होकर रास्ता ही बंद कर देता है जिससे वहाँ का रास्ता तो बंद होता ही है साथ में आस-पास का वातावरण प्रदूषित होकर हैजा व मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों को भी बुलाता है।
5. पोस्टमार्टम हाउस भी हो रहा खंडहर में तब्दील
निघासन क्षेत्र में पोस्टमार्टम हाउस होने के बावजूद भी यहाँ पर किसी डॉक्टर की तैनाती नही की गई जिससे पोस्टमार्टम के लिए काफी लंबी दूरी तय करके लखीमपुर खीरी जाना पड़ता है जिससे समय की काफी बर्बादी होती है।
निघासन में बने पोस्टमार्टम हाउस को सिर्फ बना दिया गया मगर उसे चालू नही किया गया जिससे वो खंडहर के रूप में तब्दील होता नजर आ रहा है।
6.शासन प्रशासन की ढीली व्यवस्था कभी कभी बनती है लोगों का मजाक
जनपद की तहसील निघासन में प्रशासन की लूज व्यवस्था कभी कभी क्षेत्रवासियों का मजाक बन जाती है क्योंकि कई बार पुलिस की गाड़ी के साथ साथ स्वास्थ विभाग की एम्बुलेंस में भी धक्का लगता देखा गया है।
बात यह है कि यदि ऐसी स्थित में मरीज तड़फ रहा हो यह किसी घटना स्थल पर पुलिस को पहुचना हो तो पुलिस व स्वास्थ विभाग धक्के के लिए पहले आदमियों को तरासेगा क्या।
खेर इन दिनों तो गाड़ियों की हालत ठीक दिख रही है