नई दिल्लीः आज से ठीक 1 साल पहले 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए नोटबंदी की घोषणा की थी। सरकार ने तत्काल प्रभाव से 500 और 1000 के पुराने नोटों को बैन कर दिया था। एक ओर जहां सरकार लगातार नोटबंदी को सफल बता रही है, वहीं विपक्ष नोटबंदी को बुरी तरह फेल मान रहे हैं। नोटबंदी की सफलता और असफलता को लेकर अब भी बहस जारी है। नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को कई तरह से प्रभावित किया। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नोटबंदी का हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ा।
सरकार के पास वापस आ गए पैसे
सरकार ने नोटबंदी में देश में चलन में रहे कुल कैश का लगभग 86% बैन कर दिया था। सरकार का दावा था कि इस कैश में बड़ी मात्रा कालेधन की है। इसलिए सरकार ये उम्मीद कर रही थी कि इस कैश का काफी बड़ा हिस्सा सिस्टम में वापस नहीं आएगा और बेकार हो जाएगा। लेकिन सरकार की उम्मीदों पर उस वक्त पानी फिर गया जब नोटबंदी के बावजूद बैन की गई करंसी का 90% से ज्यादा लगभग 15 लाख करोड़ रुपये बैंकों के पास वापस आ गए।
कैशलेस अर्थव्यवस्था
सरकार ने कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए नोटबंदी को जरूरी बताया था। नोटबंदी के शुरुआती महीनों में तो कैश की तंगी के कारण लोगों ने काफी कैशलेस ट्रांजैक्शंस किए, लेकिन बाजार में कैश उपलब्ध होते ही कैशलेस ट्रांजैक्शंस में काफी गिरावट आ गई। हालांकि यह भी सच है कि पहले के मुकाबले कैशलेस ट्रांजैक्शंस में कई गुना वृद्धि दर्ज की गई।
500 और 2,000 के नए नोट
आर.बी.आई. ने नोटबंदी के बाद 500 का नया नोट और पहली बार 2000 का नोट जारी किया। इन नोटों को जारी करने का उद्देश्य देश में भारी मात्रा में चलन में रहे नकली नोटों पर लगाम लगाना था। आर.बी.आई. ने इन नए नोटों को पहले से ज्यादा सुरक्षित बताया था, आर.बी.आई. का दावा था कि इन नोटों की नकल करना बहुत मुश्किल है। लेकिन यह प्रयोग भी ज्यादा सफल नहीं रहा और जल्द ही अर्थव्यवस्था में 500 और 2000 के नकली नोट भारी मात्रा में आ गए।
इनकम टैक्स भरने वालों की संख्या में भारी बढ़ोतरी
नोटबंदी कई मामलों में फायदेमंद भी रही। 2016-17 में इनकम टैक्स भरने वाले लोगों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले 25% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2015-16 में जहां 2.23 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न भरे थे, वहीं 2016-17 में 2.79 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न भरे।
संदेहास्पद खातों का पता चला
सरकार को 17 लाख से ज्यादा ऐसे संदेहास्पद खातों का पता चला जिनके इनकम टैक्स रिटर्न उनके द्वारा नोटबंदी के दौरान बैंकों में जमा किए पैसों के हिसाब से मेल नहीं खा रहे हैं। इनकम टैक्स विभाग ने भारी मात्रा में ऐसे लोगों नोटिस भेजा है।
2 लाख से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर रोक लगी
सरकार ने 2016-17 के बजट में 2 लाख रुपए से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर रोक लगी दी। ऐसा कालेधन के चलन पर रोक लगाने के लिए किया गया। वहीं 50,000 रुपये से ज्यादा का सोना खरीदने पर भी सरकार ने पैन कार्ड डीटेल देना अनिवार्य कर दिया, हालांकि इसकी सीमा बाद में बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दी गई।