28 C
Lucknow
Wednesday, November 6, 2024

​नोटबंदी के एक साल क्या कहेगे बेमिसाल या खस्ता हाल…

दीपक ठाकुर,न्यूज़ वन इंडिया। 8 नवंबर 2016 की वो रात कोई भारतीय भुला नही सकता क्योंकि उसी रात हमारे देश के प्रधानमंत्री ने टीवी पर आकर सबको ये कहते हुए अचंभित कर दिया था कि 8 नवंबर की रात 12 बजे से आपके पास रखा 500 और 1000 का नोट कानूनन रूप से अवैध करार दिया जाएगा इसलिए उन्होंने काले धन को सफेद करने का 50 दिन का वक़्त दिया और जगह भी मुकर्रर कर दी वो जगह थी हमारी बैंक जहां पुराना पैसा देकर नया लेने की सुविधा दी गई थी।

इस घोषणा के बाद ही देखा जाए तो देश मे कोहराम सा मच गया था विपक्षी दल भाजपा को कोसने लगे थे आरोप था कि ये फरमान जनता के साथ धोखा है देश की जनता का धन काला धन नही है इसे वापस लेना चाहिए।पर सरकार अपने फैसले पर अडिग रही और जनता ने भी सरकार का भरपूर साथ दिया।

मगर बात इतनी भी आसान नही थी सरकार का कालेधन के खिलाफ चलाया गया चाबुक सरकारी संस्थान के लोगो ने ही बे असर कर दिया और बड़े पैसे और पहुंच वाले लोग बैंको की मिली भगत से अपना पुराना पैसा बिना जमा किये ही सफेद कराने में जुट गए 100 के 90 का खुला खेल चल निकला था बात सरकार तक भी पहुंची फिर कुछ नापे भी गए और कुछ बच भी गए पर जो नापे गए उन पर क्या करवाई हुई किसी को नही पता और उन पचास दिनों में कितना काला धन आया ये भी कोई नही बता रहा विपक्ष इसी बात को लेकर इसके एक साल पर काला दिवस मना रही है वही भाजपा काले धन पर इसे बड़ी जीत के रूप में देख रही है।

पर बात आती है आम जनता की तो उनकी सुध कोई क्यों नही लेता बैंक का सिस्टम सख्त कर के गरीबों को बैंक से भी तौबा करने पर मजबूर किया जा रहा है बैंक पर तरह तरह की क्टोती की बात सामने आ रही है बाज़ार ढीला है ऐसा व्यापारी बोल रहा है पैसा बाज़ार से गायब है।भ्र्ष्टाचार में कमी नही आई है वसूली और दलाली चरम पर है तब आप ही तय कीजिये आप किसके साथ है।ये विपक्ष की आवाज़ है सरकार कहती है सब ठीक है रो वही रहा है जो काला बाज़ारी है।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें