नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद वापस आए नोट की गिनती में हुई देरी पर कांग्रेस ने हैरत जताई है। पार्टी ने शनिवार को कहा कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआइ) ने कहीं जानबूझ कर नोट गिनने में देरी तो नहीं की है?
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘मैं सोचता हूं कि यह आरबीआइ ने यह काम धीमी गति से किया है। आरबीआइ इतना धीमा नहीं है। हां जानबूझकर काम धीमा किया जा सकता है।’ उन्होंने सवाल किया कि आखिर आरबीआइ को 10 महीने क्यों लगा? दुनिया में किसी भी केंद्रीय बैंक को नौ महीने का समय नहीं लग सकता है। कांग्रेस नेता ने सरकार की भी घेराबंदी की। अपेक्षित लक्ष्य साधने में चूक जाने के बाद सरकार ने मानदंड बदल लिया।
सिंघवी ने कहा, ‘हर रोज मानदंड बदलता है। अब आप कहते हैं कि नोटबंदी का लक्ष्य बैंकों तक नोट की वापसी रोकना नहीं था।’ उन्होंने कहा कि जाली नोटों को पकड़ने में बहुत कम सफलता मिली।
आर्थिक नसबंदी थी नोटबंदी : जयराम रमेश
अहमदाबाद, प्रेट्र। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि नोटबंदी कुछ और नहीं आर्थिक नसबंदी साबित हुई। गुजरात विद्यापीठ में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘मैं आपातकाल के खिलाफ हूं। जो कुछ हुआ वह गलत था और आपातकाल का फैसला गलत था। लेकिन आज जिन बातों के हम गवाह हो रहे हैं वह अघोषित आपातकाल है।’
उन्होंने कहा कि यह उनकी स्थापना नहीं है। अटलबिहारी वापजेयी सरकार में मंत्री रहे शीर्ष बुद्धिजीवी, लेखक, अर्थशास्त्री अरुण शौरी ने यही कहा है। उन्होंने कहा है कि यह अघोषित आपातकाल है।