लखनऊ, दीपक ठाकुर। बिहार के सिरमौर रहे लालू प्रसाद यादव और उनके पुत्र तेजस्वी यादव को मीडिया से दोहरा प्रेम है ऐसा उनके व्यवहार से नज़र आता है कि वो अपनी जरूरत के हिसाब से मीडिया को टेकल करने की इच्छा रखते है।यही मीडिया लालू यादव की नौटंकी को जब दिखाता है तब पूरा परिवार मीडिया की आओ भगत करता नही थकता पर जब यही मीडिया उन पर लगे आरोपों पर उनका पक्ष जानने की कोशिश भर करता है तो साहब लोग भड़क जाते है वो भी मामूली रूप से नही हाथ पैर पर आमादा हो जाते हैं
आपको याद ही होगा लालू जब चारा घोटाले की सुनवाई के लिए गए और एयरपोर्ट पर मीडिया ने उनसे सवाल किया तो वो किस तरह घटिया भाषा का प्रयोग कर मीडिया कर्मी पर भड़कते नज़र आये थे औऱ तो और उन्होंने एक मीडिया कर्मी से यहां तक कह दिया कि भागो नही तो एक घूंसे में तुमको हम वहां पहुंचा देंगे। कमाल के नेता हैं आप जनता का पैसा खा कर डकार तक नही लेते और हिसाब पूछने पर आपको गुस्सा आता है।
खैर बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुभानल्लाह वाला मुहावरा लालू के पुत्र तेजस्वी साबित करते नज़र आ रहे तेजस्वी के सितारे अभी गर्दिश में चल रहे हैं किसी भी वक़्त उप प्रधानमंत्री का पद उनसे छिन सकता है इस बात से वो इतना बौखला गए हैं मीडिया के लोगों को गुंडा तक कह डालते हैं साहब और यहीं तक नही रुकते अपने इशारे पर अपने गार्डों से पिटवाने की भी हरकत करते हैं वो भी सिर्फ इसलिए के मीडिया इनसे ये ना पूछ लें कि लालू के लाल बताओ तो कैसे किया घोटाले का कमाल।
वाह पिता पुत्र की इस जोड़ी ने मीडिया को अपने फायदे के लिए इस्तमाल होने वाली वस्तु समझ के रखा था जिन्हें अब ये एहसास हो गया होगा कि मीडिया किसी की बपौती नही है आपकी नौटंकी भी ये वो तभी दिखाती है जब जनता उसको देखना चाहती है और आपके अपराधों पर आपके जवाब भी ये उसी हैसियत से जनता के सामने लाना चाहती है जो आपको कतई मंजूर नही ये कैसी जनता की सेवा की भावना है आपकी उनका पैसा खा कर चौड़े से विशाल साम्राज्य स्थापित कर लिया और जब पूंछ दब गई तो लगे गुंडई करने ये सब नही चलेगा समझ लीजिये जल्दी तो बेहतर होगा क्योंकि मीडिया अपने अपमान का बदला लेना बड़ी अच्छी तरह जानती है ये आपको अब नज़र आ ही जायेगा।