लखनऊ,दीपक ठाकुर।चुनाव भी बड़ा अजीब होता जा रहा है सत्ता की चाह नेताओ से क्या क्या करा रही है ये देखने में जनता को बड़ा मज़ा आ रहा है। आज कल उत्तर प्रदेश में जो चुनावी माहौल बना उसमे संजीदगी कम और कॉमेडी ज़्यादा नज़र आ रही है आज कल नेताओ ने अपने वक्तव्य को हास्य रूप देने का मन बना लिया है।
इसी मुद्दे पर टीवी के न्यूज़ चैनल कोशिश करते है कि नेताओ से संजीदगी से पूछा जाए की आपके द्वारा ये सब क्या और क्यों हो रहा है पर नेता है कि वहां भी लोगों को हंसाने की ही बात करते नज़र आते हैं। चैनल चाहे जो भी हो डिबेट का विषय भी चाहे जो हो पर जहाँ दो या दो से अधिक नेता बैठ गए समझ लीजये की डिबेट हास्य धारावाहिक में परिवतिर्त हो गई।
मुद्दा चाहे विकास का हो रोजगार का या पार्टी के काम का सब में सब के जवाब का अंदाज़ हास्य रस में डूब ही नज़र आता है। एक पार्टी दूसरी पार्टी पर व्यंगात्मक प्रहार करती नज़र आती है तो वही दूसरी पार्टी भी उसी अंदाज में पलटवार करते नज़र आती है।
आजकल की सियासत और सियासतदार लोग ऐसे हो गये है जो जिस काम के लिए हैं उस पर ध्यान ना देकर बेकार की बातें करने में और खुद ही अपना मज़ाक बनवाने में काफी ललायित नज़र आ रहे है।
अरे माननीय नेतागण महोदय आपलोगों से निवेदन है कि आप सब जिस काम के लिए है या जिसकी लडाई लड़ रहे है उस पर संजीदा रहिये हंसने हँसाने के लिए तमाम चैनल और कॉमेडियन पहले से भरे पड़े है उनके पेट पर लात तो ना मारिये। अपनी गरिमा बनाये रखिये आप आखिर हमारे माननीय हैं।