लखनऊ,दीपक ठाकुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ कानून व्यवाथा को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं इसी कड़ी में एस.एस.पी महोदया भी कई थानों पर औचक निरक्षण करती नज़र आ रही है और वहां पहुंचने के बाद जो बात प्रमुखता से समझाई जा रही है वो ये कि फरियाद करने आये किसी भी व्यक्ति को निराश हो कर ना जाना पड़े ये आप सब की ज़िम्मेवारी है जो बिल्कुल सही बात भी है क्योंकि कई फरियादी अपनी फरियाद अपने क्षेत्र में मैजूद थाने पर ना कर के हेड ऑफिस में करते है क्योंकि उन्हें ये पता रहता है कि उनकी बात आलाकमान ज़्यादा अच्छे से सुनेगा।
इसी कमी को पूरा करने के लिए एसएसपी महोदया प्रयत्न कर रही है क्योंकि उनको भी इस बात का इल्म है कि थाने पर फरियादी की सुनवाई में कोताही होती है कारण जो भी हो पर वास्तविकता यही लगती है कि फरियादी थाने जाने से डरता है।
इस डर का जो कारण हमें समझ मे आता है उससे शायद आप सब भी सहमत होंगे कारण ये कि थाने पर पहुंचे फरियादी से पुलिस की बातचीत का जो स्तर होता है वो दोषी और निर्दोष व्यक्ति में बिल्कुक भेद नही करता मतलब ये कि पुलिस दोनों पक्षों को एक ही तराजू में तोल कर उनसे बात करती है पुलिस का व्यवहार बोल चाल में ही इतना कड़वा होता है कि फरियादी उनसे अपनी हर बात बताने से कतरने लगता है और ये सोचता है कि यहां अपनी ही फजीहत कराने बेकार आ गए।
अब बस मुख्यमंत्री महोदय से जनता की एक यही मांग है कि कानून व्यवस्था दुरुस्त और निष्पक्ष हो इसके लिए आपको कानून के रखवालों के व्यवहार में भी अंकुश लगाने की आवश्यकता है बात पर संयम हो तो बात बनती है ये उनको समझाना आपके ही बस का है।