लखनऊ,दीपक ठाकुर।योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में शपथ ग्रहण के बाद आज दो बूचड़खाने बंद होने की खबर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नगर निगम ने इलाहाबाद में दो बूचड़खाने सील कर दिए हैं। संचालकों में दहशत व्याप्त है। गौरतलब है कि प्रदेश में हजारों वैध-अवैध बूचड़खाने हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कागजातों में कुल 126 बूचड़खानों का ब्यौरा है। मगर सूत्र बताते हैं कि इससे कई गुना ज्यादा बगैर परमिट के चलाए जा रहे हैं। जो 126 बूचड़खाने चल भी रहे हैं तो उसमें से अधिकांश मानकों का पालन नहीं कर रहे। उनके पास ट्रीटमेंट प्लांट भी नहीं है।
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा उत्तर प्रदेश के लिए अपने घोषणापत्र में सरकार बनने पर सूबे के सभी बूचड़खानों को बंद करने की बात कही थी। चुनाव प्रचार का बिगुल बजते ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश में 12 मार्च से ही सभी बूचड़खानों को बंद करने का ऐलान कर दिया। बूचड़खाने बंद करने के अपने अग्रिम फैसले की भाजपा ने मुखर होकर पैरवी की।
बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव में बूचड़खाने बंद करने और राम मंदिर बनवाने का मुद्दा उठाकर वोटों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास किया। बीजेपी का यह दांव कारगर भी रहा। अब जबकि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बन गयी है तो बूचड़खानों पर गाज़ गिरना तय है।
फिलहाल इस कार्यवाही से बूचड़खाने के संचालक और उनमें काम कर रहे लोग काफी परेशान हैं मालिकों की तो छोड़िए पर वहां काम कर रहे लोगों पर रोज़गार का संकट ज़रूर आ खड़ा हुआ है।ऐसे में प्रदेश सरकार उनके रोज़गार को लेकर क्या कदम उठाती है ये देखने वाली बात होगी।