# मोदी जी समझा दीजिए अंबानी जी को!
# आपके होते हुए तो नहीं सहेंगे राष्ट्र और हिन्दुत्व का अपमान
नावेद शिकोह। मुकेश अंबानी जी को मुसलमानों की भावनाओं का पूरा ख्याल है, अच्छी बात है। लेकिन हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ क्यों? सबके साथ एक सा व्यवहार कीजिए। क्योंकि हमारी लोकप्रिय सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास’ की भावना को साथ लेकर चल रही है। मुसलमानों को क्या विशेष दर्जा देते हैं अंबानी जी !
मुकेश अंबानी जी ने अरबों रुपये कमाने के लिए विवादित फिल्म ‘पद्मावती’ में करोड़ों रुपये लगा दिए। देश-दुनिया का इतना बड़ा बिजनेस ग्रुप आंख बंद करके तो इतनी बड़ी फिल्म को फाइनेंस नहीं करेगा। हिन्दुओं ख़ासकर क्षत्रियों की भावनाओं को आहत करने वाली ही स्क्रिप्ट मिली थी फिल्म बनाने के लिए। लुटेरे मुस्लिम बादशाहों के जुल्मों के ऐतिहासिक साक्ष्यों वाली कहानी पर भी फिल्म बनवा सकता था मुकेश अंबानी जी का बिजनेस ग्रुप। लेकिन ऐसी कहानी से कम पैसा कमा पाते। क्योंकि फिल्म ओवरसीज मार्केट में अधिक पैसा कमाती है। मुस्लिम मुल्क नकारात्मक मुस्लिम पात्रों की कहानी वाली फिल्मों को स्वीकार नहीं करते।
इतिहास के पन्नों में ही नहीं हमारे करोड़ों दिलों में भी वीरांगना महारानी पद्मावती का नाम रचा- बसा है। ये सच्चा-पवित्र और ऐतिहासिक किरदार करोड़ों हिन्दू महिलाओं की प्रेरणा है। ऐसे में महारानी पद्मावती का अपमान कैसे सहा जा सकता है?
वीरांगना महारानी पद्मावती के अपमान और एतिहासिक सत्य का बलात्कार करने वाली मुकेश अंबानी की इस फिल्म के विरोध को अपराध बताया जा रहा है।
राष्ट्र और हिन्दुत्व को अपमानित करने वाली विवादित फिल्म बनाने की जुर्रत उस नरेंद्र मोदी सरकार में की गयी है जिस सरकार को राष्ट्र और हिन्दुत्व का रक्षक माना जाता है। और इस फिल्म में उस उद्योगपति की कंपनी ने फाइनेंस किया है जिसे भारत के अति लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बेहद क़रीबी बताया जाता है।
बाजार का ये कायदा होता है कि उपभोक्ता की मांग पर उत्पाद तैयार किया जाता है। पी के सहित तमाम फिल्मों ने हिन्दुओं की भावनाओं को आहत किया। ऐसे फिल्मों का खूब विरोध हुए। भारतीय दर्शकों के इस तरह के विरोध ये बात ज़ाहिर कर चुके हैं कि हम फिल्म को केवल मनोरंजन की दृष्टि से नहीं देखते। किसी धर्म और ऐतिहासिक तत्थों की हत्या करने वाली फिल्मों को हम बर्दाश्त क्यों करें!
जब भी राष्ट्र और हिन्दू धर्म को आहत करने वाली किसी फिल्म का विरोध होता है तो ये कहकर मुंह बंद कर दिया जाता है कि अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला कर रहे हैं फासिस्ट हिन्दू वादी। फिल्म को फिल्म की तरह देखिए।
मोदी जी हम ऐसी फिल्मों को फिल्म की तरह नहीं देख सकते। नरेंद्र मोदी सरकार में तो कतई नहीं। जिस सरकार को हमने राष्ट्र और हिन्दुत्व के सम्मान की रक्षा की उम्मीद से बनाया था।
प्रधानमंत्री मोदी जी प्लीज मुकेश अंबानी के सामने आप मेरे सवाल ज़रुर रखियेगा। उनसे कहिये- हिन्दुओं.. क्षत्रियों.. राष्ट्र के सम्मान.. देश के गौरवशाली इतिहास और हिन्दुत्व की अस्मिता के लिए इस फिल्म को रिलीज ना करें। राष्ट्र और हिन्दुओं की भावना को आहत करके पैसा ना कमायें। थोड़ा सा नुकसान उठा लें। उन्हें क्या फर्क पड़ेगा। ऐसी फिल्म रिलीज हो गयी तो बहुत फर्क पड़ जायेगा।