इलाहाबाद उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित फूलपुर लोकसभा के उपचुनाव में प्रत्याशी का चयन लगभग अपने अंतिम दौर में है।अब कभी भी भाजपा अपने उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है।इस समय जिन नामों की चर्चा बहुत तेजी से चल रही है।और जो भाजपा की सीट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं । उनमे सबसे मजबूत केशरी देवी पटेल को माना जा रहा है ।केसरी देवी पटेल इसके पहले भी फूलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं । और उन्होंने बाहुबली अतीक अहमद के खिलाफ इस सीट से अपनी दावेदारी की थी। अब तक इस सीट पर पंडित जवाहरलाल नेहरु को छोड़ दिया जाए तो पटेल बिरादरी के लोगों ने ही सबसे ज्यादा बार बाजी मारी है ।इससे माना जा रहा है कि भाजपा केशरी देवी पटेल पर एक बार फिर दांव लगा सकती है
बाहुबली अतीक के खिलाफ लड़ा चुनाव
केशरी देवी पटेल और दीपक पटेल मूलतः शंकरगढ़ के रहने वाले हैं शंकरगढ़ के जमींदार परिवार से इनका ताल्लुक है। शहर में पुलिस लाइन के सामने लाल पत्थर वाले बंगले के नाम से इनका का घर जाना जाता है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केशरी देवी पटेल 2004 में भारतीय जनता पार्टी छोड़कर बसपा में शामिल हुई थी। उस समय संसदीय चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने इन्हें फूलपुर से अतीक अहमद के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था । इस चुनाव में केशरी देवी पटेल 2 लाख 35 हजार वोट पाकर दूसरे स्थान पर रही। फिर 2014 में बसपा के टिकट से इलाहाबाद संसदीय सीट पर उतरी लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा के दिग्गज नेता को दी थी चुनौती
2004 में दीपक पटेल अपनी मां के साथ बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी।दीपक 2007 में विधानसभा चुनाव के दरमियान बारा विधानसभा सीट से बसपा के प्रत्याशी बनाए गए।और भाजपा के दिग्गज नेता को जोरदार टक्कर दी।भाजपा के नेता उदय भान करवरिया से मात्र बारह सौ वोटों से हार गए थे। फिर 2012 के चुनाव में बसपा ने दीपक को बसपा ने करछना विधानसभा से मैदान में उतारा और दीपक पटेल ने समाजवादी पार्टी के पारंपरिक सीट पर दिग्गज सांसद रेवती रमण के बेटे उज्जवल रमण को भारी वोटों से हराया और विधानसभा पहुंचे। 2017 में भाजपा की लहर में करछना विधानसभा सीट पर एक बार फिर दीपक पटेल ने टक्कर दी। लेकिन इस बार दुसरे नम्बर पर रहे और यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में हैं।
चार बार रही जिलापंचायत अध्यक्ष
केसरी देवी और दीपक पटेल का अपना वोट बैंक बहुत मजबूत माना जाता है।फूलपुर लोकसभा से लगातार कार्यकर्ताओं की मांग रही है। कि केशरी देवी को फूलपुर से प्रत्याशी बनाया जाए।केशरी देवी पटेल भारतीय जनता पार्टी में 1996 से 2004 तक सक्रिय सदस्य की तरह इन्होने काम किया। एक बार भारतीय जनता पार्टी एक बार निर्दलीय और दो चुनाव में बहुजन समाज पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई। दीपक पटेल और केसरी देवी पटेल के खिलाफ बसपा की कार्यवाही से बहुत से कार्यकर्ता नाराज है। माना जा रहा है कि इनकी जाति के और उनसे जुड़े हुए सैकड़ों की संख्या में नेता बसपा को छोड़ भजापा के खेमे में आयी केशरी देवी को मजबूत करेंगे ।
इसलिए मजबूत है केशरी देवी
केशरी देवी पटेल अगर भाजपा की उम्मीदवार होती हैं ।तो इससे सबसे बड़ा नुकसान बसपा को होने जा रहा है।क्योंकि केसर देवी पटेल बहुजन समाज पार्टी के कैडर से 10 साल तक जुड़ी रही हैं। और उनके बेटे बसपा से ही विधायक हुए।केशरी देवी भले ही अब बसपा छोड़ भाजपा में आ गई है लेकिन बहुजन समाज पार्टी के मूल वोट बैंक में आज भी उनकी पकड़ मजबूत है । केशरी देवी उम्मीदवार हुई तो बड़ी तादात में उनको बसपा के लोग भी समर्थन दें रहे है । वही फूलपुर में पटेल बिरादरी का वोट और बसपा के खेमे में लगने वाली सेंध से भाजपा मजबूत होगी।और यह तय है कि केसरी देवी पटेल को भारतीय जनता पार्टी ने अपना चेहरा बनाया तो विपक्षियों के लिए फूलपुर की सीट एक बार फिर दूर की कौड़ी साबित होने जा रही है।